हिंदी कहानी:
हम इस आर्टिकल में हम एक कहानी पढ़ेंगे, कहानी का नाम है – दूध की खीर का मतलब क्या होता है? नरम या टेढ़ा?
इस कहानी में हम सत्य का मतलब जानेगे की सत्य क्या होता है ? और उसे कैसे पहचाने ?
हिंदी कहानी : दूध की खीर का मतलब क्या होता है? नरम या टेढ़ा?
एक शहर में दो बहुत गरीब बच्चे रहते थे। वो एक दूसरे के दोस्त थे उनमें से एक जन्म से अंधा था और दूसरा बच्चा हमेशा अंधे दोस्त की मदत करता था। दोनों शहर और आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर भीख मांगकर गुजारा करते थे। दोनों साथ-साथ भीख मांगने के लिए जाया करते थे।
एक दिन अंधा लड़का बीमार पड़ गया और दूसरे लड़के ने उससे कहा, ‘आज तुम यहीं रुक कर आराम करो, मैं अकेले गाँव जाकर भीख माँगता हूँ। तुम उस भिक्षा से कूछ भिक्षा ले लो ।
ऐसा कहकर वो लड़का गांव में भिक्षा मांगने चला गया।
उस दिन उसे एक स्थान पर भिक्षा के रूप दूध की खीर मिली, इतनी स्वादिष्ट खीर उस लड़के ने पहले कभी नहीं खाई थी। इसलिए उसने वो खीर आनंद और रुचि के साथ खाई , दुर्भाग्य से, उनके पास कोई कटोरा नहीं था, इसलिए उसने वो खीर खा कर वहीं खत्म कर डाली । अपने दोस्त के लिए वो लड़का खीर घर नहीं ला सका।
अपने अंधे साथी के पास लौटकर उसने उस मित्र से कहा
“मित्र, आज मैंने बहुत बढ़िया दूध की खीर खाई। लेकिन दुर्भाग्य से मैं इसे तुम्हारे लिए नहीं ला सका क्योंकि मेरे पास एक ही बर्तन था , मुझे बहुत खेद है।”
अंध लड़के ने उससे कहा कोई बात नहीं, “रहने दो!
लेकिन मुझे बताओ कि दूध की खीर क्या होती है और वह खीर कैसी होती है ।”
“अरे , दूध तो सफेद रहता है ना? उसी तरह, खीर भी सफेद होती है।” दोस्त ने कहा
अंधा लड़का जन्मसे अंधा था इसीलिए अंधे लड़के को सफेद का मतलब पता नहीं था,
उसने पूछा, ‘सफेद का क्या मतलब है?
तुम नहीं जानते कि सफेद का मतलब क्या होता है?’
नहीं, मुझे नहीं पता, तुम मुझे बताओ!
“सफेद काले का विपरीत होता है?
लेकिन काला क्या है? (उसे यह भी नहीं पता कि काला क्या होता है )
ओह! जरा समझने की कोशिश करो।”
मगर अंधे दोस्त को बात समझ नहीं आ रही थी
उसे समझाने हेतु अंधे लड़के के दोस्त ने इधर उधर देखा तो उसे एक बगुला दिखाई दिया। वह बगुले को पकड़ कर अपने अंधे मित्र के पास ले आया, और उसने उससे कहा, “देखो, सफ़ेद’ का मतलब है इस पक्षी की तरह”
अंधे लड़के को कोई आँख नहीं थी इसीलिए उसने बगुले के पास जाकर उसे स्पर्श किया और अंधा लड़का बोला अब मुझे समजने आया की सफेद का मतलब है मुलायम! सफ़ेद बोले तो मुलायम ,मुलायम!”
नहीं, नहीं। सफेद का मतलब मुलायम नहीं होता। सफेद जैसा गोरे होने का मुलायम से कोई मतलब नहीं है। सफेद मतलब सफेद! ओह थोड़ा समझने की कोशिश करो। ” अंधे लड़के का दोस्त बोला
अरे , लेकिन तुमने मुझे बताया था कि सफेद का मतलब इस बगुले की तरह होता है, इसलिए जब मैंने बगुले को छुआ तो वह मुझे मुलायम लगा , तो क्या दूध का हलवा मुलायम नहीं है? सफेद का मतलब मुलायम ही है ना!”
नहीं मित्र तुम्हे समझ में नहीं आ रहा । अंधे लड़के ने फिर कोशिश करते हुए एक बार फिर बगुले को गोद में लिया और फिर से उसकी चोंच से उसकी पूँछ पर हाथ फेर दिया। चोंच के अग्रभाग से पूँछ तक अपने पूरे शरीर को स्पर्श करने के बाद अंधे लड़के ने कहा। ओह हां! अब समझ में आया कि सफेद ऐसे ही टेढ़ा होता है तो दूध की खीर ऐसे ही टेढ़ी होंगी !
वास्तविक सत्य क्या है ?
“एक अंधे व्यक्ति के लिए यह समझना असंभव है कि सफेद क्या है। क्योंकि वह कैसे अनुभव कर सकता है कि सफेद क्या है? उसके पास यह समझने की क्षमता नहीं है कि सफेद क्या है।
अगर हममें भी यह जानने की क्षमता नहीं है कि वास्तविक सत्य क्या है।” ,तो सत्य को कैसे अनुभव करेंगे ?
इसलिए उस क्षमता का विकास करो। जब तक आप वो क्षमता विकसित नहीं करेंगे तब तक वह सत्य आपको एक सफेद बगुले की तरह प्रतीत होगा!