दोस्तों स्वागत है आपका Boldost.com पर। इस आर्टिकल में हम एक कहानी देंखेगे।(सोने के खान की खुदाई से तीन फीट दूर : हिंदी कहानी )इस कहानी में हम पढ़ेंगे की व्यक्ति सफल होने के लिए प्रयत्न शील रहता है।
कुछ चीजों में वो सफल होता है मगर कुछ चीजों में बहुत प्रयत्न करके भी वो सफल नहीं हो पाता।कुछ चीजे उसके सफल होने की दायरे में होती है मगर वो जल्दी प्रयास छोड़ देता है।जल्दी प्रयास या कोशिश छोड़ने पर क्या नुकसान होता है वो हमे इस स्टोरी में पढ़ने को मिलेगा। चलो तो फिर बढ़ते है स्टोरी के तरफ
सोने के खुदाई से तीन फीट दूर : हिंदी कहानी
:विफल होने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है विफलता के क्षण में जल्दी से वापस आना। हर कोई कभी न कभी यह गलती जरूर करता है।
अमेरिका में ‘गोल्ड रश’ का टाइम शुरू था। इस अवधि के दौरान, आर.यू. डर्बी इनके चाचा एक ‘सोने के बुखार’ से पछड़े हुवे थे और पश्चिम भाग में सोने की खुदाई करके अमीर बनने के लिए वहा चले गए । उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि लोगों के विचार खानों से खोदे गए सोने से ज्यादा सोना पैदा करते हैं।
जुआ खेलने की तरह उन्होने फावड़ा और कुदाल ले लिया। कुछ हफ्तों की मेहनत के बाद वे उस चमकदार धातु (सोना ) के रूप में सफल हो गए।
लेकिन उन्हें खदान को जमीन पर लाने के लिए मशीनरी की जरूरत थी। उन्होने चुपके से खदान को गंदगी से ढक दिया और विलियम्सबर्ग, मैरीलैंड में अपने घर लौट आए
लौट आने के बाद अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को उन्होने बताया कि उन्हें खदान मिल गई है।
आवश्यक धन एकत्र करने के बाद, उन्होंने मशीनरी को खरीद कर खदान पर भेज दिया।
डर्बी और उसके चाचा खदान में लौट आए। धातु से भरी पहली कार ऊपर आई और उसे कार्रवाई के लिए भेजा गया। जैसे ही प्रक्रिया पूरी हुई, उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें कोलोराडो क्षेत्र में सबसे अमीर खदान मिल गई है।
कुछ कारों में धातु भरते ही वे कर्ज मुक्त होने वाले थे । समृद्धि का प्रवाह उनके लाइफ में शुरू होने वाला था।
खुदाई की ड्रिल जमीन में चली गई और डर्बी और अंकल की आशा आसमान तक चली गई। फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ। सोने की धातु का झरना सूकके गायब हो गया , वो इंद्रधनुष के अंत में थे और वह सारा सोना विफल हो गया था। उन्होने बहुत खोजा, बार-बार खोजा, लेकिन अंत में उन्होने हार मान ली क्योकि सोने की धातु का कोई पता नहीं था।
अंत में उन्होने कोशिश करनी छोड़ दी। उन्होने जो मशीनरी खरीदी थी वो कुछ डॉलर में भंगारवाले को बेच दी और अपने घर की और वापस आ गए।
भांगरवाले ये सब देख लिया उसे लगा की मशनरी निकालनेसे पहले कुछ सोचा जाए।
भांगरवाले ने एक माइनिंग इंजीनियर को बुलाकर खदान दिखाई और कुछ गणित समझाया। तब उस इंजीनियर ने कहा कि पिछले मालिक को खदान करते वक्त ‘फॉल्ट लाइन’ की जानकारी नहीं थी। उनकी गणना के अनुसार, डर्बी भाई जिस बिंदु पर खुदाई छोड़ दिया था वहां से महज तीन फीट की दूरी पर सोने का भंडार पड़ा था। और वास्तव में उसी स्थान पर सोना निकलकर पैसा कमाया जाता।
मगर डर्बी भाई यह अवसर खो गए क्योकि उन्होने जल्दी हार मान ली।
भांगरवाला ने उस खान की खुदाई की और सोना निकालकर लाखों डॉलर कमाए क्योंकि वह जानता था कि “हार मानने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए”।-हिंदी कहानी
तो दोस्तों हमेने इस स्टोरी से क्या सीखा
हार मानने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
सफल होने तक निरतर प्रयास करना चाहिए।