दोस्तों इस आर्टिकल में हम निकोलस डरवास (Nicolas Darvas)लिखित किताब शेयर मार्केट से कैसे बनाएं मैंने 10 करोड़ (HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET ) इस किताब की बुक समरी पढ़ेंगे । यह किताब शेयर मार्केट की दुनिया में एक क्लासिक के रूप में जानी जाती है।
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET -शेयर मार्केट से कैसे बनाए मैंने 10 करोड़-लेखक निकोलस डरवास
निकोलस डरवास एक डांसर थे और उन्होंने खाली समय में शेयर मार्केट पर लगभग 200 किताबें पढ़ डाली । मात्र 39 साल की उम्र में उन्होंने 20 लाख डॉलर यानी लगभग 10 करोड रुपए कमाए और वह भी बहुत ही मामूली धन लगाकर। इस पुस्तक में आप शेयर मार्केट की तकनीक और बॉक्स सिद्धांत अनुभव को पढ़ेंगे।
यह किताब काफी सरल और आसानी से समझ में आने वाले किताब है। निकोलस डरवास एक डांसर होते हुए भी शेयर मार्केट में चमत्कार कर सके तो फिर हम क्यों नहीं ?
शेयर मार्केट से कैसे बनाएं मैं 10 करोड़ यह पुस्तक कैसे अस्तित्व में आई ?((HOW I MADE 2,000,000 DOLLAR IN STOCK MARKET )
इस किताब को टाइम मैगजीन ने 25 मई 1959 को बिजनेस क्षेत्र के कॉलम में डांसर निकोलस डरवास की स्टॉक मार्केट में सफलता की असाधारण कहानी के बारे में छाप दिया था । वहां से यह पुस्तक अस्तित्व में आ गई ।निकोलस डरवास ने शेयर मार्केट में कमाया हुआ मुनाफा केवल भाग्य के सहारे या सयोंगवश नहीं कमाया था।
उन्होंने अपनी कई गलतियां से शेयर मार्केट को सीख लिया था और बहुत सारा मुनाफा कमा लिया था।
लेखक कहते हैं कि मैं सिर्फ ट्रेन्ड के साथ दौड़ता हूं, और मेरे पीछे -पीछे दौड़ता है मेरा स्टॉप लॉस, मेरा बीमा कवच बनकर।
स्टॉक मार्केट में कभी भी अच्छे या बुरे स्टॉक नहीं होते। जो स्टॉक होते है, या तो ऊपर चढ़ते है, या नीचे गिरते हैं । निकोलस डरवास की stock market कि कहानी अमेरिका में एक हैरान करने वाली कहानी है। निकोलस डरवास जब नृत्य कला का कार्यक्रम करते थे तब नृत्य कला के मालिक स्मिथ भाई ने उनको मुद्रा की जगह स्टॉक मार्केट में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। शो बिजनेस ने लेखक को कई अजीब-अजीब अनुभव मिलते थे लेकिन यह अनुभव उनके लिए नया था।
स्टॉक मार्केट में उन्होंने पहली बार 3000 डॉलर का निवेश किया 2 महीने बाद उनको लगभग 8000 डॉलर का मुनाफा हुआ। यह निकोलस डरवास के लिए चमत्कार जैसा था। जैसे कोई आदमी पहली बार रेस में जाता है और अपने भाग्य से सभी विजेताओं को पीछे छोड़कर अपनी जीत को पाने के बाद सामान्य रूप से पूछता है, यह सब कब से चल रहा है?
यहां से निकोलस डरवास की शेयर मार्केट में जर्नी शुरू हो जाती है मगर अनजाने जंगल में आनेवाली परेशानियों के बारे में उनको नहीं पता था। उनको स्टॉक मार्केट के बारे में बहुत कम मालूम था, उनको यह भी मालूम नहीं था कि स्टॉक मार्केट न्यूयॉर्क में भी है ?, या कहि और है।
उन्होंने केवल कनाडा स्टॉक के बारे में सुना था। विशेष रूप से माइनिंग स्टॉक के बारे में। लेखक ने ऐसी कंपनियों के स्टॉक ख़रीदे जिनके नाम भी उनको ठीक से मालूम नहीं थे। यह कंपनियां क्या करती है? और कहां से आई है?, इसके बारे में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं थी। उनको किसी ने कुछ कह दिया कि वह उस स्टॉक को खरीद डालते थे।
निकोलस डरवास जब पहली बार ब्रोकर के ऑफिस में गए, तो उनको एक छोटा ,गंदा सा, किताबों से भरा जेल जैसा कमरा दिखाई दिया, जिसकी दीवारों पर अजीब से निशाना बने हुवे थे, बाद में उन्हें समझ आया कि वह निशानों को चार्ट्स कहते हैं। उस ऑफिस में एक व्यस्त आदमी बैठा हुआ था , जो आकड़ो और पुस्तक में खोया हुआ था।
लेखक ने उससे पूछा कि, क्या उसको किसी अच्छे स्टॉक के बारे में पता है? तो वह आदमी एकदम सक्रिय हो गया, आदमी ने मुस्कुराकर अपनी जेब से एक डिविडेंड चेक निकाला, जिस पर एक प्रसिद्ध गोल्ड कंपनी का नाम लिखा था। वह नाम था एडिसन। वह खड़ा हो गया और कहने लगा, “मेरे दोस्त, इसकी तरफ जरा ध्यान से देखो , मेरे पिता ने इसका ओरिजिनल स्टॉक जीतने में खरीदा था ,उसका यह 5 गुना है। इस तरह के स्टॉक को सभी ढूंढते रहते हैं।”
ओरिजिनल स्टॉक की कीमत से 5 गुना डिविडेंड, यह लेखक को उत्साहित करने के लिए काफी था। डिविडेंड की रकम 80 सेंट, इसका मतलब उसके पिता ने इसे 16 सेंट में खरीदा था। यह उनको बहुत अच्छा लगा ,उनको यह बात समझ नहीं आई कि, वो व्यक्ति अपने पिता की स्टॉक को 35 सालों से कैसे संभाले हुआ था ?
आगे जाकर ऑथर ने 290 सेंड के 1000 एक कंपनी के शेयर खरीद लिए। बाद में वो स्टॉक 270 सेंड पर पहुंच गया, उसके बाद 260 सेंड पर एक सप्ताह के अंदर वह 241 सेंड तक गिर गया, लेखक ने उस स्टॉक को जल्दबाजी में बेच दिया।
कभी-कभी निकोलस डरवास 24 घंटे में 100 डॉलर का मुनाफा कमा कर अपने को बहुत होशियार समझते थे, मगर उनका ब्रोकर उनको बोलता था की तुमने नुकसान क्यों उठाया? ,तो यह बात उनको समझ में नहीं आई फिर ब्रोकर ने call करके समझाया कि, 10000 शेयर्स को खरीदने के लिए 50 डॉलर और अगले दिन बचने के लिए ब्रोकर का कमीशन 50 डॉलर बनता है। तुमने जो मुनाफा कमाया है, वो ब्रोकर में चला गया, साथी बेचने पर ट्रांसफर टैक्स लगा है वह अलग से है।
फिर भी लेखक निकोलस डरवास का स्टॉक मार्केट मे पहला साल अच्छा रहा। उनको लगने लगा कि वह एक सफल व्यापारी और स्टॉक मार्केट का बड़ा ऑपरेटरबन गए है। एक टिड्डे की तरह वह मार्केट के कभी अंदर, कभी बाहर आते जाते रहते थे।
लेखक दो पॉइंट का मुनाफा कमा कर खुश हो रहे थे। एक टाइम में उनके पास छोटे-छोटे संख्या में 25 से 30 स्टॉक हो गए थे। यह स्टॉक लेखको को अपने परिवार के सदस्यों की तरह लगने लगे। वह उने अपनी चल -संपत्ति मानने लगे। उनका लगातार नुकसान में थोड़ा सा लाभ कुत्ते को रोटी सुंघाने जैसी उम्मीद जगा देता था।
लेखक कहते हैं कि कभी-कभी शेयर खरीदते ही उस शेयर का गिर जाना उनको एक दुर्भाग्य जैसा लग रहा था। वह कभी-कभी बहुत डॉलर कमाते थे , लेकिन वह पूरी तरह से सहयोग से हो रहा था। उदाहरण के लिए Canadian stock। 1953 के अंत में जब लेखक न्यूयॉर्क लौटे तो उनके 11000 डॉलर घटकर 5800 डॉलर रह गए थे, एक बार उन्हें अपनी स्थिति पर नजर डालनी थी। व्यापारियों की जानकारी से उन्हें कुबेर का कोई खजाना नहीं मिल पाया जैसा कि उन्होंने पक्का विश्वास उनको दिलाया था।
लेखक जितना ज्यादा स्टॉक मार्केट के बारे में पढ़ते उतनी ज्यादा न्यूयॉर्क स्टोकक मार्केट में उनकी रुचि बढ़ जाती थी।
अध्याय 2-HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET- वॉल स्ट्रीट में प्रवेश
लेखक निकोलस डरवास इस अध्याय में हमें बताते हैं कि वह कभी वॉल स्ट्रीट नहीं गये ,केवल वॉल स्ट्रीट का नाम ही उन्हें अलग तरह से आकर्षित करता था। जब वह अखबारों में स्टॉक मार्केट कोटेशन की लंबे कॉलम को पढ़ते थे तो उन्हें लगता था कि वह अपनी लाइफ के एक नए और सफल दौर में प्रवेश करने वाले हैं।
लेखक कहते हैं कि यह एक उत्तरदाई ट्रेडिंग है जिसमें बैंक प्रेसिडेंट और बड़े-बड़े उद्योग समाज जुड़े हुए हैं, और इसीलिए वह इसमें उचित आदर भाव के साथ प्रवेश की तैयारी रखते हैं।
लेखक ने मार्केट में 11000 डॉलर के साथ काम शुरू किया था। जिसमें उनके निवेश के 3000 डॉलर और उसके लाभ की 8000 डॉलर , लेनदेन के 14 महीने बाद यह घटकर 5200 डॉलर रह गए अब उनके पास 5800 डॉलर ही शेष रह गये थे।
जब कोई नया ट्रेंडर शेयर मार्केट में आता है और पहले दिन अपने ब्रोकर को फोन करके पूछता है, इस तरह लेखक ने अपने ब्रोकर से पूछा कि, क्या आज मार्केट अच्छा है?
उनके स्टॉक ब्रोकर का नाम था ‘केलर’ । ‘केलर’ ने उनको कई सुरक्षित स्टॉक के बारे में बताया। स्टॉक के सुरक्षित होने के कई बुनियादी कारन बताये, मगर लेखक कों एक नए ट्रैडर की तरह कुछ ज्यादा समझ में नहीं आये।
जैसे कि डिविडेंड में बढ़ोतरी, स्टॉक स्प्लिट्स और धन बढ़ोतरी की बातें। एक तो स्टॉक जो ‘केलर’ ने उनको बताए थे, तुरंत ही कुछ पॉइंट बढ़ गए। इसलिए लेखक को उसकी सूचना पर कोई संदेह नहीं करते थे।
लेखक कहते हैं की सबसे बड़े बुल मार्केट के बिच में पीस रहा हूं और यहां समय-समय पर पन्नों पर लाभ दिखाई देना कोई बड़ी बात नहीं है, जब तक कि आप बहुत ही ज्यादा दुर्भाग्यशाली ना हो।
कभी-कभी लेखक जीस स्टॉक को खरीदते वह सोना बन जाता था ।उनके 10000 डॉलर बढ़कर कुछ समय बाद 14600 डॉलर हो गए।
उनका कोई भी ट्रेड जब सफल हो जाता था, तो वह अपनी पीठ थपथपाते और जब नुकसान हो जाता था तो उसका दोष ब्रोकर को देते। अगर वह कोई नया स्टॉक देख लेते तो उसे लेना चाहते थे। वह नए स्टॉक के लिए ऐसे लालायित रहते जैसे छोटे बच्चे ने खिलौने के लिए रहते हैं।
लेखक ने कई ट्रेड मार्केट में लिए। बहुत सारी ऊर्जा खोखर उन्हें 79 डॉलर का लाभ हुआ था, मगर सब ब्रोकरेज टैक्स जाकर उनके पास दो डॉलर ही रह गए। समें टेलीफोन कॉल का खर्चा अलग। न्यूयॉर्क दैनिक अखबार में आर्थिक कॉलम पढ़ने के अलावा उन्होंने स्टॉक मार्केट पर किताबें पढ़ना शुरू कर दिया। उसके बाद उन्हें नए-नए शब्द मालूम होने लगे, जैसे की एअर्निंग्स , डिविडेंड, केपीटलाइजेशन।
किताबें पढ़ कर उन्होंने सीखा की, प्रतिशत मुनाफे का मतलब है आउटस्टैंडिंग शेयर की संख्या को कंपनी के शुद्ध लाभ से भाग देना और लिस्टेड का मतलब है उन स्टॉक की सूची जो न्यूयॉर्क और अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज में है
वह कई सेवाओं के ग्राहक भी बन गए। इसे उन्हें महत्वपूर्ण लगने वाली सूचनाओं मिलने लगी।अलग बात है कि उनमें से कोई भी उन्हें समझ में नहीं आती थी। नये ट्रेडर की तरह जब भी कोई नई वित्त सेवा की ऐड देखते, तुरंत ही अपना 1 डॉलर उसमें लगा देते थे। मगर इसमें वो दुविधा में पड़ जाते थे, क्योंकि कोई सेवा उन्हें एक स्टॉक बेचने को कहती थी, तो कोई सेवा वही स्टॉक खरीदने को कहती थी। किताबें पढ़कर उन्हें एक वाक्य बहुत पसंद आने लगा कि, “आप मुनाफा काटने पर कभी दिवालिया नहीं हो सकते।”
वह आगे कहने लगे, “सस्ता खरीदो ,महंगा बेचो”। यह कहावत मन बहुत आकर्षित करती थी लेकिन उनके मन में यही सवाल आता था कि, सस्ता कहां से खरीदू ?
एक दिन मार्केट में जबरदस्त अफवाह उनके कान पर पड़ी की रेलरोड सामान बनाने वाली एक कंपनी को परमाणु ट्रेन का आर्डर मिला है। वॉल स्ट्रीट में इस खबर से तुरंत ही हलचल मच गई और 12 डॉलर का स्टॉक 40 डॉलर हो गया।
लेखक ने यह स्टॉक 19 डॉलर पर खरीदा, मगर उसके बाद वह नीचे आने लगा। उन्होंने कुछ नुकसान पर उसे बेच दिया। उसके बाद उनके ब्रोकर का फोन आया कि यह 40 डॉलर तक पहुंच जाएगा उस समय यह स्टॉक ८ डॉलर का था, उसके तुरंत बाद उन्होंने बहुत बड़ी क्वांटिटी खरीद ली, मगर फिर नीचे गिरने लगा और लेखक ने वह स्टॉक नुकसान में बेच दिया।
लेखक निकोलस डरवास स्टॉक मार्केट के अनुभव से सीख रहे थे, जैसा एक बच्चा एक ही शब्द को बार-बार सुनकर उसे सीख जाता है, इस तरह से अपने ट्रेडिंग अनुभव से धीरे-धीरे लेखक सीख रहे थे।
उन्होंने कुछ अनुभव से कुछ बाते सीखी कि, मुझे वित्तीय सेवाओं का अनुसरण नहीं करना है, वह विश्वसनीय नहीं है, चाहे वह कनाडा की हो या वॉल स्ट्रीट की।
मुझे ब्रोकर की सलाह पर भी सतर्क रहना है, वह गलत भी हो सकते हैं।
मुझे वॉल स्ट्रीट की कहावतें पर ध्यान नहीं देना है, चाहे वह कितनी भी पुरानी या मान्य हो।
मुझे ओवर द काउंटर ट्रेड नहीं करना है, केवल सूचीबद्ध स्टॉक में ही ट्रेड करना है ,जहां बेचने की जरूरत होने पर खरीददार मिल जाए।
मुझे अफवाह पर ध्यान नहीं देना है, चाहे वह कितनी ही पक्की क्यों ना लगे।
जुआ खेलने की अपेक्षा बुनियादी पकड़ मेरे लिए ज्यादा अच्छी है, मुझे इसी का अध्ययन करना चाहिए।
एक ही समय में बहुत सारे स्टॉक को छोटे-छोटे वक्त के लिए इधर-उधर खरीदने की बजाय, एक बढ़ते हुए स्टॉक को लंबे समय तक पकड़ रखना चाहिए,लेकिन कौन सा स्टॉक बढ़ेगा यह आपको कैसे पता चल सकता है?
लेखक ने असेट्स,लायबिलिटी, केपीटलाइजेशन, राइटऑफ्स शब्दों को जानने के बाद स्टडी करके स्टॉक को उच्च श्रेणी इसमें डिवाइड करके स्टॉक को खरीदना शुरू कर लिया।
लेखक निकोलस डरवास को विश्वास था कि, “वे अपनी भविष्य की नींव रख रहे हैं”, वह आत्मविश्वासी और प्रतियोगी बन गए, अब वह किसी की नहीं सुनते, नहीं किसी सलाहकार से सलाह मांगते हैं।
उन्हें समझ आ गया था कि, “मैंने पहले जो भी किया वह मेरे कैनेडियन सट्टेबाजी दौर की तरह ही खुशियों पर चोट करने वाला था।”
उन्हें लगने लगा कि अब मुझे सफलता पाने के लिए अपने स्वयं के तुलनात्मक चार्ट बनाने होंगे और उन्होंने कई घंटे की गंभीर और महत्वपूर्ण मेहनत के बाद यह काम कर लिया।
अध्याय 3-HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET- मेरी पहली मुसीबत
लेखक इस अध्याय में हमें बताते हैं कि मैंने स्टॉक मार्केट में जो स्टडी किया उससे उनको मालूम हो गया कि स्टॉक जीस उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं उसके अनुसार पशुओं के झुंड की तरह एक समूह सा बना लेते हैं।
यह समान उद्योग वाले, स्टॉक मार्केट में एक साथ चढने उतरने की प्रवृत्ति रखते हैं।
लेखक अब पूरी अध्ययन करके स्टॉक को खरीदने लगे थे, मगर उन्होंने जो भी अध्ययन किया वह उनकी पहली मुसीबत बन गया।
उन्होंने तेल ,मोटर, एयरक्राफ्ट और स्टील जैसे उद्योग समूह की आय को सकलित करना शुरू कर दिया । वर्तमान आय और अतीत की आय की तुलना की, फिर उन्होंने उनकी और दूसरे उद्योग समूह की आय की तुलना की।
उन्होंने सावधानी से उनके लाभ, मार्जिन प्राइस, अर्निंग रेशों, और केपीटलाइजेशन का मूल्यांकन किया। मूल्यांकन करने के बाद उनके अध्ययन में बात सामने आ गयी कि, “स्टील उद्योग ही वह स्टॉक है जो मुझे अमीर बन सकता है। “
लेखक ने स्टील उद्योग के स्टॉक को खरीदने के लिए हर संभव तरीके से पैसा इकट्ठा करना शुरू कर लिया, क्योंकि उनको बहुत बड़ी क्वांटिटी इस स्टॉक में खरीदनी थी। उन्होंने अपने संपत्ति को गिरवी रख दिया।जीवन विमा पॉलिसी थी, जिस पर उन्होंने लोन लिया।
न्यूयॉर्क के लैट्रिन क्वार्टर के साथ उन्होंने लंबे समय तक अनुबंध था वहां से उन्होंने एडवांस ले लिया। और पूरे कॉन्फिडेंस के साथ जो स्टील स्टॉक उन्होंने स्टडी किया था “जोन्स एण्ड लेलिन” के 1000 शेयर खरीद लिए। कीमत थी 52652 डॉलर। उनको मुद्रा में 36856 डॉलर देने थे। इस संपत्ति को जताने के लिए उन्होंने अपने सारे संपत्ति को गारंटी के तौर पर रख दिया,
मगर दुर्भाग्यवश जोन्स एण्ड लेलिन स्टॉक उनके अध्ययन के हिसाब से नहीं चला। वह गिरने लगा और इस स्टॉक में उनको 9069 डॉलर का नुकसान हो गया। लेखक पूरी तरह बर्बाद हो गए।
वैज्ञानिक वॉल स्ट्रीट ऑपरेटर बनने की आत्म संतुष्टि वाले उनके विचार बिखर गए थे। उनको लगने लगा था कि बड़े भालू ने मुझे ठीक उसी समय यूं नोच -खसोट दिया है, जब मैं उसे मारने वाला था। सारा विज्ञान कहा गया, मेरी सारी खोजो का क्या हुआ ? ,मेरे सारे आंकड़ों का क्या हुआ? ,इस तरह विचार करते हुए बड़े मुश्किल में खो गए।
उनके दिमाग में दिवालिया होने का आतंक छा गया था। उनके अध्ययन में सब कुछ गलत कर दिया था। उनका कोई भी तरीका काम नहीं आया, मगर वह सोच रहे थे कि उनको आगे बढ़ाना है क्योंकि अपनी सारी संपत्ति उनको बचा नी थी
उन्हें अपने नुसकान के भरपाई के लिए कोई रास्ता खोजना ही था। जेल में बंद एक अपराधी की तरहा लेखक सारे एक्टिव स्टॉक को देखने लगे, इसीलिए की शायद कोई रास्ता दिखाई दे। उन्होंने अपने नुकसान को कम करने के लिए एक आखरी दाव चलाने का निर्णय लिया।
“टैक्सेस गल्फ प्रोडूसिंग” नामक स्टॉक ढूंढ लिया उन्होंने अपने ब्रोकर को 1000 शेयर खरीदने का आर्डर दे दिया। यह स्टॉक खरीदने के बाद वह लगातार उस स्टॉक को देखते रहे। अपने स्टॉक मार्केट के करियर में पहली बार वह लाभ लेने से इनकार कर रहे थे क्योंकि वह स्टॉक बढ़ गया था मगर उनको 9000 डॉलर के नुकसान को कम करना था। वह अपने ब्रोकर को हर घंटे, कभी-कभी 15 मिनट में फोन करते थे। वह उस स्टॉक की हर चाल का पीछा कर रहे थे। उस पर ऐसी निगरानी रख रहे थे जैसे कोई नवजात शिशु की निगरानी करता है।
एक सप्ताह के बाद उन्होंने इस स्टॉक को बेच दिया और उनका जो नुकसान था वह पूरा नहीं, मगर आधा भरा गया। इस अनुभव के बाद लेखक हमें बताते हैं कि, “जिस टॉक ने मुझे घोर संकट से बचाया उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानता था, मैंने इसे सिर्फ एक कारण से चुना क्योंकि यह लगातार बढ़ रहा था। यहासे उनको उनके सिद्धांत के लिए एक धुंधला रास्ता दिखाई दिया और कुछ सिद्धांत को लेखक ने खोज लिया।
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अध्याय 4-HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET- बॉक्स सिद्धांत की उत्पत्ति
इस अध्याय में लेखक हमें स्टॉक मार्केट में प्रवेश करने के बाद उन्हें जो मार पड़ा था उसके बाद अच्छी तरह से सीख कर उन्होंने एक सिद्धांत की उत्पत्ति की और उस सिद्धांत को नाम दिया बॉक्स सिद्धांत।
मार्केट में भारी मार पड़ने के बाद लेखक स्टॉक मार्केट को उस रहस्यमई मशीन की तरह नहीं देख सकते थे, जिसमें वह एक गुल्लक में से जैकपोट निकालने की तरह।
जिंदगी के हर क्षेत्र में लक काम कर जाता है फिर भी ऑथर भाग्य पर निर्भर होकर काम नहीं कर सकते थे। लेखक निकोलस डरवास कहते है की, “मैं यह क्या एक दो बार भाग्य से कम सकता हूं लेकिन हर बार ऐसा हो ये जरूरी नहीं।”
लेखक कहते कि मुझे द्यान पर ही भरोसा करना होगा। मुझे मार्केट में काम करना सीखना होगा, ट्रेड करना सीखे बिना में मार्केट में कैसे सफल हो सकता हूं। मैं धन के लिए खेल रहा था और मार्केट का यह खेल वहां के पेन विशेषणों के खिलाफ खेलना था और यह बहुत आसान नहीं था।
लेखक स्टॉक की गुप्त समझौते के बारे में जानकारी हासिल करने लगे। लेखक बुनियादी तरीको के इस्तमाल पर गलत थे तो दूसरी तरफ तकनीकी तरीको मे सही थे। अब उसी सफल तरीको के अपनाना यह जिसे लेखक ने टैक्सेस गल्फ प्रोडूसिंग के लिए इस्तमाल किया था। लेखक ने जाना की किसी स्टॉक में परिवर्तन होता है तो उसका असर प्राइस और वॉल्यूम पर पड़ता है।
अगर कोई मनमोहक सुंदरी टेबल पर उछलकर चढ़ जाये और डान्स करे तो कोई भी हैरान नहीं हो जायेगा मगर कोई प्रतिष्ठित स्री ऐसा करे तो सबको हैरानी हो जाएगी।
उसी तरह एक सामान्य निष्क्रिय रहने वाला स्टॉक अचानक सक्रिय हो जाये तो में इसे असाधारण मानुगा और अगर यह मूल्य भी बढ़ जाये तो में इसे खरीद लूँगा। लेखक इस तरीको में कभी सफल रहे तो कभी असफल बहु रहे।
लेखक प्राइस एक्शन और वॉल्यूम के बारे में पढ़ने लगे। लेखक टिप की दुनिया से बाहर आ गए। सब अध्ययन करने के बाद लेखक ने एक स्टॉक खरीद लिया मगर वैसे ही हो गिर गया सबसे ज्यादा ब्रह्म तोड़ने वाली बात यह थी कि
लेखक ने इस स्टॉक को बेच दिया और वो ऊपर बढ़ने लगा उन्होंने एक सही स्टॉक गलत समय पर खरीदा था जिसे उच्च पॉइंट जहां पर था वहां पर उन्होंने खरीदा था और उसके बाद उच्च पॉइंट से वह गिरने लगा इसके बाद लेखक ने अलग-अलग शेयर्स के मूवमेंट का गहराई से अध्ययन करना शुरू कर दिया उन्होंने कई पुस्तक की पढ़ी।
लेखक ने स्टॉक टेबल को देखा, हजारों चार्ट का अवलोकन किया, जैसे उन्होंने पढ़ा तो उनको स्टॉक के मूवमेंट के बारे में पता चलने लगा, लेखक अब अपने सिद्धांत पर काम करने लगे।
कोई भी स्टॉक गुब्बारों की तरह किसी भी दिशा में नहीं उड़ते, उनके ऊपर या नीचे जाने की प्रवृत्ति चुंबक के आकर्षण की तरह स्पष्ट होती है। जो एक बार बन जाए तो उसके बाद उसी को जारी रखती है, इस प्रवृत्ति में स्टॉक एक ढांचे या जिसे लेखक ने कहना शुरू कर दिया कि एक बॉक्स में चलते हैंऔर उस सिद्धांत को उन्होंने नाम दिया बॉक्स सिद्धांत।
लगातार उच्च और निम्न बिंदुओं के बीच में चलते रहते हैं एक दायरा जिसमें यह उच्च और निम्न बिंदु में घूमते रहते हैं, इस बॉक्स या फ्राम का प्रतिनिधित्व करते है। यह बॉक्स लेखक के लिए मायने रखते हैं। यह उनके बॉक्स सिद्धांत की शुरुआत थी जहासे उनके किस्मत के दरवाजे खुलने वाले थे।
40 /50 के बॉक्स के अंदर एक स्टॉक जो इन्हीं बॉक्स में ऊपर नीचे हो रहा है अगर 44 तक गिर जाए तो लेखक खरीद नहीं लेते थे, क्योंकि 45 के नीचे जाने का मतलब था, स्टॉक निचले बॉक्स में जा रहा है और 50 के ऊपर जाने का मतलब था कि यह स्टॉक 50 के ऊपरी बॉक्स में जा रहे है। लेखक ने पाया कि कुछ स्टॉक एक ही बॉक्स में कुछ सप्ताह के लिए खड़े रहते हैं।
हवा में उछलने से पहले एक डांसर अपने शरीर को थोड़ा सिकुड़ता है ताकि स्प्रिंग जैसा प्रभाव पैदा किया जा सके, लेखक ने देखा की स्टॉक के साथ भी यही होता है, यह एकदम से 50 से 70 तक नहीं उठाते 50 पर जाने के बाद 45 पर आ जाता है, कुछ डांसर की तरह चलने से पहले कुछ झुककर बैठता है।
लेखक ने देखा कि जब एक स्टॉक 45 / 50 के बॉक्स में रहता है तो ऐसे को पढ़ा जा सकता है 45-47- 39- 50-45 -47 इसका मतलब था कि 50 के ऊपरी बिंदु को छूने के बाद यह 45 तक नीचे जा सकता है और फिर रोज 46 या 47 पर बंद होता है और 47 के ऊपर जाता है तो वह अपने अगले बॉस के लिए तैयार रहता है 48-52- 50-55-51-50-53-52 यह देख कर पता चलता है की यह स्टॉक स्पष्ट रूप से अब अगले बॉक्स 50/55 के लिए बन रहा है।
लेखक इस जैसे स्टॉक को सर्च करने लगे जो इनके हिसाब से बहुत अच्छे मूल्य का हो।
बॉक्स थ्योरी और उसे लागू करने की तरीकेमे इसमें उनका दिमाग जम चुका था और लगातार लेखक बॉक्स थ्योरी का उपयोग करने लगे थे। मार्केट में संभव नहीं जैसे कोई चीज नहीं है, कोई भी स्टॉक कुछ भी कर सकता है,
अगर कुछ हो जाए तो स्टॉप लॉस लेखक को भरी नुकसान से बचा लेता था।
लेखक कहते हैं कि मुझे एक बढ़ते हुए स्टॉक को अपने पास रखना है लेकिन उसके बढ़ाने के साथ-साथ अपने स्टॉपलॉस ऑर्डर को भी बढ़ते रहना है।
लेखक कहते की मार्केट में संभव नहीं जैसे कोई चीज नहीं है, कोई भी स्टॉक कुछ भी कर सकता है ,बॉक्स सिद्धांत के बाद लेखक ने सिखा की मुझे अपनी भावनाओं, भय ,उम्मीदा, लालच पर पूर्ण नियंत्रण रखना होगा।
कमरे में प्रकाश किया जा सकता है लेकिन वह स्विच ढूंढने के लिए इधर-उधर हो रहा है।
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET-अध्याय- 5 दुनिया भर से तार
इस अध्याय में लेखक कहते हैं कि, “मैंने अपने डांस एक्ट के लिए 2 साल के विश्व दौरे के लिए हस्ताक्षर किए, इसके बाद मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, मुझे यह प्रश्न पड़ा की क्या मैं विश्व के दूसरे कोने में बैठकर ट्रेड कर सकता हूं ? ,इस समय मेरे मस्तिष्क में यह बात आ गई की, जब मेरे ब्रोकर का फोन मुझे नहीं मिल पाया था ,अगर यह न्यूयॉर्क में हो सकता है तो मैं हजारों मील दूर बैठे हुए इस मुसीबत से कैसे उबर पाऊंगा।”
इसके बाद ब्रोकर और उन्होंने निर्णय लिया कि हम ‘तार’ के जरिए एक दूसरे से जुड़े रह सकते हैं। समय और धन की बचत के लिए लेखक ने तार के जरिए कुछ विशिष्ट कोड बना लिए। उनके तार के अक्षरों में एक ‘लड़ी’होती थी जो स्टॉक के बारे में सूचित करती थी।
तार के जरिए जब वह अपने ब्रोकर से संपर्क करते तो डाकघर के कर्मचारियों उन्हें परेशान करते थे। इस कोड की वजह से उन्हें डाकघर के कर्मचारी एक जासूस की तरह देखने लगे। अन्य जगहों की अपेक्षा जापान की टेलीग्राम अधिकारी सबसे ज्यादा शंकित होते थे।
लेखक कहते हैं कि मैं ज्यादातर बड़े शहरों के तारघरो का जाना पहचाना शख्स बन चुका था। अब डाक घर वाले उनके विशिष्ट हस्ताक्षर के बिना खुशी से उनको तार ग्रहण कर लेते थे।
जापानियों में यह बात प्रचलित हो गई थी कि, लेखक पागल, लेकिन हानि रहित है,वह ऐसे यूरोप वासी है जो रोज वित्तीय कूड़ा तारों के जरिए बेचते और लेते है।
लेखक के विश्व यात्रा के दौरान हॉन्गकोंग से इस्तांबुल, रंगून, मनीला, सिंगापुर, स्टॉकहोम, फोरमोसा कोलकाता, जापान और अन्य कई जगह पर गए
तार भेजने और ग्रहण करने के लिए स्वाभाविक रूप से उनको अन्य कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेखक की समस्या तब आ जाती की स्ट्रीट खुलने और बंद होने के दौरान डाकघर बंद रहता था। लेखक कहते है
“अगर मैं प्रतिदिन स्टॉक कोटेशन के लिए एक तार करणे मे 12 से 15 डॉलर खर्च करता, तो जब तक मे बहुत सारा लाभ नही कमाता तो यह ऑपरेशन मुजे को महंगा पडता था।”
बॉक्स सिद्धांत के बाद लेखक कागज पर स्टॉक खरीदने की प्रैक्टिस करते थे, मगर कागज पर काम करना वास्तविक निवेश से बहुत अलग है। यह तो बिना पैसे के ताश खेलने जैसा है, इसमें कोई खास मजा नहीं, बिना धन निवेश किया तो मैं अपनी भावनाओं पर काबू रख सकता था लेकिन जैसे ही मैंने एक स्टॉक में कई डॉलर लगा दिए तो मेरे भावनाएं तैरती हुई जल्दी से सतह पर आ जाती थी।
लेखक जब कोई स्टॉक खरीदते तो खरीदने का कारण लिखते थे और बेचने के समय भी वही करते थे। जब भी किसी सौदे के अंत नुकसान में हुआ तो लेखकस संभावित कारण लिखकर वह गलतियां दोबारा ना दोहराने की कोशिश करते थे।
लेखक ने महसूस किया कि, “में स्टॉक मार्केट किताबों से कभी नहीं सीख सकता था, मैं उसे कार चलाने की तरह लेने लगा था, किसी चालक को एक्सीलेटर, स्टीयरिंग व्हील और ब्रेक का प्रयोग बताया जा सकता है और हम तो फिर भी कार चलाने के लिए उसकी अपनी इच्छा का जागृत होना जरूरी है, वैसा ही स्टॉक मार्केट के बाबत भी है।”
“मैं विश्लेषक तो बन रहा था,फिर भी मैं भविष्यवक्ता नहीं बन सकता था,मेरा अच्छा खास अंदाज़ चाहे वह किसी भी सावधानी से लगाया गया हो, कभी-कभी गलत सिद्ध हो जाता था।”
“मार्केट में कुछ बड़े ऐतिहासिक मोड़ आते थे, तो शुरुआत में ही उनका अंदाजा लगाना मेरे के लिए असंभव सा था।”
2 साल के नृत्य कार्यक्रम में विश्व में घूमने की वजह से डरवास वॉल स्ट्रीट और अपने बीच संचार के साधन के रूप में केवल तारों के जरिए संपर्क साधने को बाध्य हो गए। अनेक आसुविधाओं के संलग्न होने के बावजूद निवेश तकनीक के सहयोग में महत्वपूर्ण तत्व स्थापित हुए जिसे स्टॉक मार्केट में उनके निच्छित सफलता को प्रशस्त किया।
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET-अध्याय 6- बेबी बियर मार्केट के दौरान :-
इस अध्याय में लेखक निकोलस डरवास अपने लाइफ में आए बियर मार्केट का विश्लेषण करते हैं।
ऑथर इस अद्याय मे कहते है, “बुल मार्केट धावोको से भरा हुआ एक ग्रीष्मकालीन कैंप था, ग्रीष्मकालीन कैंप एक अस्पताल में बदल चुका था, जिसमें ज्यादातर स्टॉक बीमार थे, लेकिन कुछ स्टॉक दूसरों के तुलना में अधिक बीमार थे।”
लेखक कहते है की मुझे अब यह ढूंढना था की स्टॉक कितना बीमार है और उनकी बीमारी कब तक चलने वाली है। बियर मार्केट में लेखक वही स्टॉक ढूंढने लगे जिनके बढ़ने के पीछे कुछ कारण हो और उनकी कमाई में बढ़ोतरी हो रही हो।
अच्छे भविष्य के सामान्य सिद्धांत पर ऐसे स्टॉक जो भविष्य में प्रगतिशील विकास का वादा करते हैं आगे चलकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे ऐसा लेखक मानने लगे।
लेखक कहते हैं कि, “कुछ स्टॉक ऐसे होते हैं जो महिलाओं के फैशन की तरह बदलते रहते हैं, मार्केट एक फैशन से हट रहा हो तो उसकी जगह लेने में कोई नई फैशन तैयार है ,किसी कंपनी की रिपोर्ट और बैलेंस शीट उसके भूत और वर्तमान के बारे में बता सकती है ,यह भविष्य के बारे में नहीं बता सकती।”
दुनिया भर में घूमने के दौरान लेखक लगातार उन स्टॉक को खोज करते रहे जो वायुमंडल से भी ऊपर जाने की शक्ति रखते हो, क्योंकि उसमें भविष्य की संभावना होती है।
लेखक ने अपने दिमाग को महंगा खरीदने और महंगा बचने के लिए तैयार कर लिया। लेखक कहते हैं कि, “बियर मार्केट हमेशा ही बुल मार्केट का अनुसरण करते हैं।”
“मार्केट का रुख बदलने का इंतजार करने में आत्मा का रुख बदलने का विश्वास और शांति महसूस होती है।”
लेखक कहते हैं कि इस मार्केट में मुझे नए स्टॉक ढूंढने थे। बाद में यह सच साबित हुआ क्योंकि इस समय मार्केट कोट्स में कुछ स्टॉक छुपे हुए वो स्टॉक थे जिनमें लोगों की कोई खास रुची नहीं थी।
यह स्टॉक एक अजन्मे शिशु की नींद सो रहे थे, एक दिन यह भी जगाने वाले थे। वह मार्केट में एक नई नेतृत्व में उछाल मारने वाले थे।
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET-अध्याय 7 सिद्धांत का सफल होना:-
लेखक ने अपनी अनुभव से बॉक्स सिद्धांत की खोज की थी। जो उन्हें स्टॉक मार्केट में अच्छा मुनाफा दे रही थी। आगे जाकर उनका यह बॉक्स सिद्धांत बहुत सफल हुआ। लेखक विश्व में डांसिंग टूर कर रहे थे,इस दौरान उनकी नजर ‘लोरीलॉर्ड ‘ नाम के अनजाने स्टॉक पर पडी। यह टॉक उच्च वॉल्यूम और मूल्य में स्थिर बढ़ोतरी से आगे चल रहा था और लोगों की इसमें भारी रुचि थी।
लेखक ने इसे 27 डॉलर के ऊपर खरीदने का निर्णय लिया। मार्केट में बेबी बियर का दौर चल रहा था। मार्केट की स्थिति सामान्य थी उसके बावजूद कुछा जानकार लोग ‘लोरीलॉर्ड’ शेयर्स में दिलचस्पी रख रहे थे।
लेखक कहते हैं कि, “हम सब बेबी बियर मार्केट की गहराई में थे और माहोल बहुत ही खराब था परंतु जैसे ही सामान्य उदासी से दूर ‘लोरीलार्ड’ तो अपने छोटे से पिंजरे में खुशी से उछलकूद कर रहा था।” लेखक कहते हैं कि मैंने बियर मार्केट में एक बुल बनने का निर्णय लिया।
इस वक्त न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में अपनी मार्जिन रिक्वायरमेंट को घटकर 70% से 50% कर दिया था हर 1000 डॉलर मे अब 2000 डॉलर के स्टॉक खरीद सकते थे। यह स्टॉक आगे जाकर बढ़ने लगे। यह स्टॉक ऐसा व्यवहार कर था जैसे लेखक के सिद्धांत इसके आसपास ही बने हो।
सब कुछ लेखक के योजना के अनुसार हो रहा था। लेखक को जो भी अमेरिकन यात्री इस स्टॉक के बारे में पूछते,तो लेखक ‘लोरीलॉर्ड’ शेयर के बारे में बताते और वो सचमुछ में मददगार होते।
एक दिन बैंकॉक की ‘इरावन’ होटल में दोपहर के भोजन के समय उनकी मुलाकात एक बड़े अमेरिकन शिपिंग कंपनी के अध्यक्ष से हुई। बातचित के दौरान उन्होंने कितने पैसे शेयर मार्केट में लगाए है उनके बारे में चर्चा की और पता चला की वो राशि ३०००००० डॉलर थी। उन्होंने लोरीलॉर्ड में भी इन्वेस्ट किया था,तब लेखक ने उन्हें ने ‘जर्सी स्टैंडर्ड’ स्टॉक की सारी होल्डिंग बेचकर ‘लोरीलॉर्ड’ मे इन्वेस्ट करने की सलाह दी और लोरीलॉर्ड 40 डॉलर से बढ़कर कुछ दिनों में 80 डॉलर हो गया। मगर वो सलाह उसे अध्यक्ष ने नहीं मानी, मानी होती तो उनकी संपत्ति बहुत अच्छी तरह से बढ़ जाती।
यह एहसास उनको हुवा जब दोनों एक साल बाद मिले
लेखक कहते हैं कि,”में इंपीरियल होटल के अपने कमरे में हाथ में 10000 डॉलर का लाभ दिखाने वाला तार हाथ में था और मुझे लगने लगा था कि बीते वर्षों का मेरा अध्ययन और परेशानियां आज सफल हो गई।” लेखक सबसे ऊपर आने की तैयारी में थे।
लेखक ने कोलकाता के लिए उड़ान भरी उस वक्त वो ‘ब्रूस’ नामक शेयर के कोटेशन पर विचार कर रहे थे । दूसरे स्टॉक के मुकाबले ‘ब्रूस’ स्टॉक का स्तर व्यापक और अधिक स्वतंत्रता था।
हिंद महासागर के ऊपर से उड़ते हुए लेखक ने यह स्टॉक खरीदने का निर्णय लिया। फंडामेंटल ना होते हुए भी उन्होंने और स्टॉक 50 के ऊपर गया तो खरीदने का निर्णय लिया। काफी फंड लगाने के बाद ‘जॉन्स एंड लेनिन’ की घोर संकट के बात उन्होंने यह निर्णय ले लिया था कि, मैं अब उतना ही धन रिस्क पर लगाऊंगा जितना नुकसान हो सकता है। वह अपने शो बिजनेस की कमाई को मार्केट के डूबना नहीं चाहते थे
‘ब्रूस’ के शेयर्स पर पैसे लगाकर वह इंतजार करने लगे मगर कुछ दिन बाद उनकी व्यग्रता आतंक में बदल गई। उनको एक ब्रोकर का फोन आया, उस फोन ने उनकी हृदय की गति को रोक दिया। समाचार था कि ‘ब्रूस’ के शेयर को अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज में से निलंबित कर दिया है। यह सुनते ही उनके हाथों से फोन छूट गया, वह बहुत डर गये। ‘ब्रूस’ स्टॉक में ट्रेडिंग रोक दी उनकी 60000 डॉलर उसमें लगाए गए थे। अपनी ओर से कोलकाता में फोन पर उनको यह समाचार मिला तो उनके हाथ कप रहे थे।
वॉल स्ट्रीट की कुछ ट्रेडर्स ने अपने फंडामेंटल सिद्धांत के आधार पर यह तक कर लिया था कि ‘ब्रूस’ की बुक वैल्यू और लाभ यह दिखाती है कि, इसका मूल्य किस डॉलर प्रति शेयर से ज्यादा नहीं होना चाहिए, इसलिए उन्होंने इस स्टॉक को 45 और 50 के बीच शॉर्ट सेल करना शुरू कर दिया।
इस बात का उन्हें विश्वास था कि इसे वापस ३० डॉलर आसपास के मूल्य पर खरीद लेंगे। उन्होंने एक बहुत बड़ी गलती की थी, क्योंकि एक ऐसी बात थी जो उन्हें पता नहीं थी। ‘ ब्रूस’ शेयर्स नीचे आ रहा था मगर उनका बॉक्स सिद्धांत तो उनको अलग ही जानकारी दे रहा था, कि यह स्टॉक कुछ समय की बात ऊपर चला जाएगा।
उनके दैनिक कोट्स लगातार ‘ब्रूस’ की सनसनी प्रगति के बारे में बता रहे थे। अब इस कठिन दौर में उन्होंने ‘ब्रूस’ का शेयर्स होल्ड करने का निर्णय लिया। इनका यह कठिन और बड़ा निर्णय था लेकिन यह आगे सही साबित हुआ। अगले कुछ सप्ताह तक उनको यूनाइटेड स्टेट के विभिन्न भागों से कई ब्रोकर के अर्जेंट फोन आते रहे, जो उनके शेयर्स के लिए अधिक और अधिक दाम देने के लिए तैयार थे।
धीरे-धीरे अपने स्टॉक को ओवर द काउंटर मार्केट में उन्होंने 100 और 200 शेर के ब्लॉक में 171 औसत के मूल्य पर बेच दिया। मार्केट में यह उनका पहले बड़ी विजय थी।
इस ऑपरेशन से लेखक को 395305 .52 डॉलर का लाभ हुआ। उनके लिए यह एक बड़ी घटना थी। वह इतने खुश थे कि उन्हे यह पता नहीं था कि अब किधर मुड़ना है। लेखक कहते है, “मैंने उन सबको अपनी कहानी सुनाई जो मुझसे सुनना चाहते थे, मैंने उन्हें अपनी तार दिखाएं, सबकी यही प्रतिक्रिया आइ की आपको किसने सलाह दी थी, मैं समझने की कोशिश करता था कि किसी ने मुझे सलाह नहीं दी है, मैंने सब कुछ खुद ही किया है और इसलिए मैं इतना ज्यादा खुश था किसीने मुझ पर यकीन नहीं किया।”
लेखक के कोलकाता की उनके दोस्त यह मानते थे कि मिस्टर ‘गिलबर्ट’ ने लेखक को अपनी विश्वास में ले रखा है जो “ब्रूस’ कंपनी के मालिक थे।
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अध्याय -8 मेरे पहले ढाई करोड :-
लेखक निकोलस डरवास इस अध्याय में उनके पहले ढाई करोड़ के मुनाफे के बारे में हमें बताते हैं। लेखक ने 9 महीने के निवेश में 325000 डॉलर कमा लिए थे और अपने किसी गलत कदम से इस डॉलर को ना गंवाने के लिए दृढ़ निश्चय हो रहे थे। बाद में उन्होंने कुछ स्टॉक ख़रीदे, उसमें उनका मुनाफा और घाटा दोनों होता रहा। उन्होंने फिर सेअपने फ़ेवरीट स्टॉक ‘लोरीलॉर्ड’ की और कदम बढ़ाया।
यह स्टॉक जो किसी समय बियर मार्केट में रेगिस्तान में पेड़ की तरह खड़ा था लेखक को इस टॉक में भावनात्मक लगाव था। क्योंकि इसमें पहली बार उनको बहुत लाभ हुवा था मगर उनके अगले तीन ट्रेड में उनको लोरीलॉर्ड में नुकसान उठाना पड़ा। फिर उन्होंने अपने सिद्धांतों से ‘यूनिवर्सल प्रोडक्ट्स’ के शेयर खरीदने का निर्णय लिया।
यह एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी थी। इस समय उनका भारत दौरा चल रहा था। ‘यूनिवर्सल प्रोडक्ट्स’ ने उनको काफी मुनाफा दे दिया और उनकी नजर थी ‘थिओकॉल केमिकल’ नामक स्टॉक पर।
लेखक 1958 के फरवरी में टोक्यो में थे, तब लेखक इस स्टॉक की ओर आकर्षित हुए। यह उसी समय ही दो भागों में विभाजित हुआ था और उसे समय 39/47 के बॉक्स में शांत बैठा था । इसमें काफी ट्रेडिंग लोगों ने की थी।
लेखक ने भी इसमें बहुत से शेयर बेचे और खरीदे। एक सप्ताह के बाद लेखक को नोटिस मिली की थिओकॉल स्टॉक ने राइट्स जारी करने का निर्णय लिया है। यह स्टॉक एक राइट्स प्रतिशत के हिसाब से स्टेक होल्डर को बोनस के रूप में दे रहे थे। 12 राइट्स के बदले 42 डॉलर के विशेष मूल्य पर थे और ‘थिओकॉल’ का एक शेयर खरीद सकते थे।
अब जब स्टॉक का मूल्य 50 के ऊपर था जो कोई भी स्टॉक प्राइस का इस्तेमाल करना चाहता था उसके लिए यह निश्चित रूप से सस्ता था।
इसका एक महत्वपूर्ण पक्ष की स्टॉक एक्सचेंज के नियम के हिसाब से अगर आप इन राइट्स का उपयोग कंपनी का स्टॉक खरीदने में करते हैं तो आप विशेष सब्सक्रिप्शन अकाउंट का लाभ उठा सकते हैं। जब आप अपने राइट सीट्स अमाउंट में जमा कर देते तो ब्रोकर आपको इस टॉक की मार्केट में करंट वैल्यू का 75% उधार दे सकता है, साथ ही सब्क्रिप्शन पर कोई कमीशन चार्ज भी नहीं लगेगा।
लेखक के लिए यहां बहुत बड़ा मौका था और उन्होंने अपनी सारी पूंजी इसमें लगाने का निर्णय लिया। आगे जाकर उनका यह निर्णय सही साबित हुआ और इस स्टॉक ने लेखक को अपने पहले ढाई करोड़ (आधा मिलियन डॉलर) के मालिक बनाया।
लेखक आत्मविश्वास और सफलता महसूस कर रहे थे। उन्होंने प्लाजा होटल में एक कमरा लिया और तय कर लिया कि यहां रुकने के दौरान नजदीक से अपने स्टॉक मार्केट ट्रेड जारी रखेंग। ।
लेखक कहते हैं कि, “मुझे कितना कम पता था कि मैं अपने आप को बेवकूफ बनाने के लिए ही अपने आप को तैयार कर रहा था, आगे की कुछ हफ्तों में अपने को बर्बादी का कगार पर पहुंचने वाला था।”
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET-अध्यय - 9 - मेरी दूसरी मुसीबत:-
लेखक इस अध्याय में हमें उनकी शेयर मार्केट की जर्नी के दूसरी मुसीबत के बारे में जानकारी देते हैं। आधा मिलियन डॉलर कमाने के बाद लेखक कहते हैं कि, “में पूरे आत्मविश्वास से भर गया था ,मुझे इसमें कोई संदेह नहीं था कि मैं अपनी कला में पारंगत हो गया हूं।”
तार के साथ काम करते हुए मैंने एक तरह से अपनी छठी इंद्रिय को विकसित कर लिया था। मैं अपने स्टॉक को महसूस कर सकता था वैसे ही जैसे कोई संगीत का नेता संगीत के लिए महसूस करता है। उसके कान किसी भी सामान्य सुरो कों को तुरंत पकड़ लेते हैं, इसे सामान्य श्रोता नहीं पकड़ सकते।
मैं यह भी बता सकता था कि स्टॉक आगे क्या करेंगे? अगर 8 पॉइंट बढ़ाने के बाद कोई स्टॉक 4 पॉइंट गिर जाता है तो मैं सतर्क नहीं होता, क्योंकि मुझे पता है कि ऐसा ही होगा,यह एक रहस्यमई अवर्णनीय, आंतरिक भावना है लेकिन लेखक के दिमाग में यह बिल्कुल नहीं है कि ऐसी भावना पर मेरा अधिकार है इसकी वजह से मैं बहुत शक्तिशाली महसूस करता हूं।
लेखक निकोलस डरवास अपने को वित्ती का ‘नेपोलियन’ समझने लगे, मगर आगे के सफर में एक खतरनाक राक्षस उनका इंतजार कर रहा था।
लेखक कहते हैं कि, “में स्टॉक मार्केट से मैं आधा मिलन कमा सकता हूं तो -दो , तीन या पांच मिलियन कमाने से मुझे कौन रोक सकता है ?”
हाल ही में मार्जिन रिक्वायरमेंट बढ़कर 90% हो गई थी। लेखक ‘ब्रूस’ से हुए लाभ को अलग रखें 160000 डॉलर को उपयोग में लाना चाहते थे। लेखक कहते हैं कि, “जैसे-जैसे मेरे जेब की शक्ति बढ़ती गई, मेरा दिमाग कमजोर होता गया, मैं अति आत्मविश्वासी हो गया और यह स्टॉक मार्केट में काम करने वालों के लिए दिमाग की खतरनाक स्थिति होती है।”
“मुझे ऐसा बने हुवे ज्यादा समय नहीं हुआ था कि एक ऐसा कठोर सबक मिल गया जो स्टॉक मार्केट सब को सीखा देता है जो उसे लापरवाही से लेने के बारे में सोचते हैं”
न्यूयॉर्क के कुछ दिनों के बाद लेखक ने तय कर लिया कि मैं मार्केट से नजदीक संबंध स्थापित करूंगा और उन्होंने एक ब्रोकर के ऑफिस में जाने का फैसला किया।
लेखक कहते हैं कि, “जैसे मैंने बोर्ड रूम से रोज-रोज ट्रेडिंग शुरू की धीरे-धीरे में अपनी सारी बातों को छोड़ता गया और उनमे शामिल हो गया।” कुछ सही दिनों की ट्रेडिंग में लेखक ने पिछले 6 सालों में सीखा हुआ सब कुछ किनारे रख दिया। लेखक ने वह सब कुछ किया जिसे न करने के लिए उन्होंने अपने आप को प्रशिक्षित किया था
उन्होंने ब्रोकर से बात की, उन्होंने अफवाहो पर लक्ष क्रेंद्रित किया, वह किसी टीकर से अलग नही थे। उनके ऊपर जल्दी अमीर बानो वाले राक्षस ने कब्जा कर लिया था।
उनकी पहली चीज जिसने उनका साथ छोड़ा वो था अंतर ज्ञान। उनकी स्वतंत्रता गायब होती चली गई। धीरे-धीरे वह अपना तरीका छोड़ने लगे और भीड़ का अनुसरण करने लगे।
उनके तर्क ने उनका साथ छोड़ दिया और भावनाएं पूरी तरह से हावी हो गई, इसका परिणाम उनको नुकसान के रूप में उठाने पड़ा।
“एक डूबता हुआ आदमी बचने की कोशिश में अपने बचाने वालों को शायद इस तरह से पकड़ ले कि उसको भी ले डूबे। “
जैसे-जैसे लेखक भीड़ का अनुसरण करने लगे, वह उनकी तरह व्यवहार का एक भाग बन गए, जब दूसरे लोग किसी चीज से ब्रोकर ऑफिस मे डरते थे लेखक भी डरने लगे थे,जब वह सब आशावादी ही हो जाते तो लेखक भी हो जाते।”
उन्होंने 55 पर स्टॉक खरीदा वह 51 पर चला गया और उन्होंने वह बेच दिया उनका बॉक्स सिद्धांत काम नहीं कर रहा था। लेकिन बहुत अच्छी बात आगे बताते हैं –
“मैंने सबसे ऊंचाई पर खरीदा,जैसे ही मैंने खरीद स्टॉक गिरने लगा”
“मैं डर गया और स्टॉक सबसे नीचे आने पर बेच दिया, जैसे ही मैंने बेचा स्टॉक बढ़ाना शुरू हो गया”
“मुझे लालच आ गया मैं फिर ऊंचाई पर खरीद लिया”
उनका नुकसान 96588. 67 डॉलर पर बदल गया था । लेखक कहते हैं कि, “मैं ज्यादा पढ़ रहा था और बहुत ज्यादा करने की कोशिश कर रहा था।”
लेखक कहते हैं कि, “जब मैं विदेशी भ्रमण कर रहा था तब मैं बिना किसी रूकावट या अपवाहों के बिना स्टॉक पसंद करके अंदाजा लगा था और वह खरीद लेता था”
“इस दौरान केवल एक ही चीज थी जीसने मुझे बर्बाद होने से बचाए रखा उस शेयर का नाम था -‘यूनिवर्सल कंट्रोल’ और ‘थीयोकॉल’।”
उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और इन दो स्टॉक के अलावा सभी स्टॉक से मुक्ति पा ली।
फिर उन्होंने पेरिस के लिए उड़ान भरी। जाने से पहले एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया उन्होंने अपने सभी ब्रोकर को निर्देश दिया कि, जो भी बहाना हो मुझे किसी तरह की खबर ना भेजे, नहीं फोन करें,मुझे ब्रोकर और वालस्ट्रीट से जो एक मात्र संपर्क चाहिए था वो थे रोज के तार।
उनका बहुत बड़ा नुकसान हो गया था और वह उनके स्टॉक मार्केट के इतिहास में दूसरी मुसीबत में फंस गए थे। लेखक इससे बाहर निकलना चाहते थे। आने वाले दिनों में लेखक तार का इंतजार करने लगे और बॉक्स थ्योरी का संगठन करने लगे।
उनको सबक मिल गया था, उन्होंने स्थाही नियम बना लिया कि अब कभी भी को ब्रोकर के ऑफिस में नहीं जाएंगे।
ब्रोकर का मैं फोन नहीं लूंगा या करूंगा। मेरे पास तार द्वारा की स्टॉक की कोटेशन आएंगे और कुछ नहीं। लेखक कहते हैं मैं एक बार की एक कोटेशन के लिए ब्रोकर को पूछूंगा फिर जैसे मैंने पहले किया है मैं इससे आगे बढ़ने से पहले उसका अध्ययन करूंगा।
एक हवाई दुर्घटना से बचा व्यक्ति यह जानता है कि अपनी हिम्मत बनाए रखने के लिए उसे तुरंत हवाई यात्रा कर लेनी चाहिए। मुझे भी इस तरीके को अचूक बनाने के लिए एक ही रास्ता पता था न्यूयार्क । मैंने न्यूयॉर्क वहां पर जाने के लिए हवाई टिकट ले लिए और उलेखक निकोलस डरवास की स्टॉक मार्केट की फिर से नई जर्नी शुरू हो गई।
HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET-अध्याय 10- दस करोड़
लेखक इस अध्याय में उनकी बड़ी असफलता के बाद उन्होंने शेयर मार्केट से किस तरह 10 करोड रुपए कमाए इसके बारे में इस अध्याय हमे जानकारी देते है
लेखक कहते कि 1959 की फरवरी की तीसरे सप्ताह में जब वह न्यूयॉर्क वापस आए, तो वह अपने पागलपन वाले डर के झटके से पूरी तरह ठीक हो चुके थे।वह दोबारा से मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले थे। अपनी मूर्खता से लगी चोटों के निशान अभी भी वह महसूस कर रहे थे, लेकिन वह ऐसे व्यक्ति की तरह थे जो बुरे अनुभव के बाहर निकाल कर अधिक शक्तिशाली और बेहतर महसूस करता है।
उन्होंने अपना आखिरी सबक सीख लिया था। उनको पता था कि अब सक्ती से उनको उसी तंत्र यानी बॉक्स थ्योरी का अनुसरण करना है जो उन्होंने उनके लिए बनाया है। लेखक समझ गए कि अगर वो इस थ्योरी से एक बार के लिए भी हटे तो वो मुसीबत में पड़ने वाले है,उनका पूरा आर्थिक तंत्र तुरंत ही खतरे में आ जाएगा और वह ताश के पत्तों की तरह ढह सकते है।
न्यूयॉर्क में उन्होंने पहले काम यह किया की अपने चारों ओर लोहे का ऐसा घेरा बनाया जिससे वह अपनी पुरानी गलतियों को दोबारा ना दोहरा सके। उन्होंने सबसे पहले अपने डील को छह ब्रोकर में बांटा देने का निर्णय लिया। इस तरह से उनके सौदो की कोई नकल नहीं कर सकता था। उनके काम में उनके हस्तक्षेप को रोकने के लिए उन्होंने सीमा बना दी थी। ऐसा सुरक्षा सिद्धांत का इस्तेमाल वह अपने जीवन में आगे करने वाले थे।
लेखक निकोलस डरवास दिन के समय में किसी भी ब्रोकर का फोन नहीं उठाते थे, जब वह सोने जाते तो वॉल स्ट्रीट की सारी गतिविधियां को देखते। शाम 7:00 बजे तक वह तार पढ़ने और अपनी भविष्य की डीलिंग्स का निर्णय लेते। उन्होंने दो स्टॉक अभीभी नहीं बेचे थे ‘यूनिवर्सल कंट्रोल’ और ‘थीयोकॉल’
अपने सिद्धांत पर डटे हुए उन्होंने कहीं व्यवहार स्टॉक मार्केट में किए, उसमें से कुछ गलत भी साबित हुए, मगर जो मुनाफा उनको मिला उससे उनका लॉस कम दिखाई दे रहा था और यह सारे ऑपरेशन उन्होंने सिर्फ तार के जरिए किए थे।
‘यूनिवर्सल कंट्रोल’ में गड़बड़ दिखाने के बाद उन्होंने उस स्टॉक को बेच दिया और इसमें उनको बहुत बड़ा लाभ 409356.48 डॉलर हुवा।
उनके पास आप निवेश के लिए बहुत बड़ी राशि थी। उन्होंने मार्केट पर सावधानी से नजर डाली और वह किसी सक्रिय उच्च मूल्य वाले स्टॉक की तलाश में जुड़ गए। अपार धनराशि के साथ उनको बहुत बड़ी सावधानी बरतनी थी
उन्होंने अपनी सबसे फेवरेट स्टॉक ‘थीयोकॉल’ को भी बेच दिया उसमें भी उनको बहुत बड़ा लाभ हुआ।
उन्होंने बॉक्स सिद्धांत अपनाते हुए जैनिथरेडियो, लिप्टन इंडस्ट्रीज, फेयर चाइल्ड कैमरा, और बैटमैन इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का फैसला किया और बहुत भारी मात्रा में शेयर खरीद लिए। एक दिन उनको तार मिला और तार में लिखा था कि उनका शेर का मूल्य 1 दिन में एक लाख डॉलर बढ़ गया है।
उन्होंने उस स्टॉक को होल्ड किया और उसके टॉप को देखते रहे, न्यूयॉर्क छोड़ने से पहले वह अपनने ब्रोकर को मिले, तब उनको पता चला कि उनके स्टॉक का मूल्य 22,50,000 डॉलर हो गया है।
इस खबर से उनको लगा कि किसी मिलियनेर से दोगुना पैसा अपने पास रखता हूं, वास्तव में ऐसा नहीं था। लेखक खुश थे लेकिन उत्तेजित नहीं थे, क्योंकि उन्होंने पहली बार टाइगर्स क्लब में $10000 डॉलर काम लिए थे।
होल्ड किए हुए मूल्य को देखकर वह सोचते रहे की एक बढ़ते हुए स्टॉक को बेचने का मेरे पास कोई कारण नहीं था। मैं भाव के साथ धीरे-धीरे दौड़ता रहूंगा और अपने स्टॉपलॉस को अपने पीछे खींचा चलूंगा।
जब ट्रेंड बढ़ेगा मैं अधिक खरीद लूंगा अगर ट्रेंड विपरीत हो जाएगा तो मैं एक परेशान चोर की तरह भाग जाऊंगा। लेखक ने अपने स्टॉक पर नए स्टॉप लॉस लगा दिए जिससे कि अगर यूरोप में रहते हुए इनमें गिरावट भी आ जाए तो यह बिक जाए और लेखक के 20 लाख वैसे ही वैसे रहे।
अपने ब्रोकर को छोड़कर जब लेखक टैक्सी के फिक्स्ड एवेन्यू में जा रहे थे तो संतुष्ट और सुरक्षित महसूस कर रहा थे, लेखक कहते है की, “मैं प्लाजा होटल की लॉबी में घुसा,अपने आप ही संध्याकालीन अखबार खरीद लिया, वॉल स्ट्रीट के क्लोजिंग प्राइस को फाड़, बाकि के अखबारों को फेंक दिया, शाम 6:00 बजे का तार ले लिया और लिफ्ट में चला गया ,कमरे में अपना तार खोला,
अखबार के पन्ने फैलाए हुए खुशी के साथ साँस लेते बैठ गया सिर्फ इसलिए नहीं कि मैं 20 लाख dollar कम लिए थे बल्कि इसलिए क्योंकि मैं वही कर रहा था जो मुझे सबसे अच्छा लगता था, जब वॉल स्ट्रीट सो रहा था तब मे काम कर रहा था – 10 करोड़ कमाने के बाद भी।”(HOW I MADE 2000000 DOLLAR IN STOCK MARKET)
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