Trading In The Zone Hindhi Book Summary:लेखक मार्क डग्लस इन्होंने 1982 से ट्रेडर्स को ट्रेडिंग सायकोलोजी के बारे में प्रशिक्षण देना शुरू किया. लेखक ट्रेडर्स के लिए ट्रेडिंग सायकोलोजी के साथ सफल कैसे होना है यह सिखाया है.
बाजार में अभूतपूर्व मुनाफा कमाने के लिए Trading In The Zone Hindhi किताब बार-बार पढनेस ट्रेडिंग सायकोलोजी में सुधार होगा .
Trading In The Zone Hindhi Book Summary
:शेयर बाजार की लोकप्रियता हर दिन बढ़ती ही जा रही है .अच्छी वेल्थ पाने के लिए लोग शेयर बाजार में आते है . शेयर बाजार पैसा कमाने के लिए अच्छा तरीका है मगर शेयर बाजार में बहुत कम लोग सफल होते हैं .शेयर कब खरीदना है और कब बेचना है यह उनको पता नहीं होता. शेयर बाजार में मुनाफा कमाने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस इनका मालूम होना आवश्यक है मगर जिन लोगों को इनका नॉलेज होता है वह भी शेयर बाजार में नुकसान करते हैं. ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब है ट्रेडिंग सायकोलोजी.
इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे .लेखक मार्क डग्लस अपनी किताब ट्रेडिंग इन द झोन में ट्रेडिंग साइकोलॉजी की बारे में जानकारी देते हैं. उनका कहना है कि आप भले ही शेयर बाजार के अच्छे खिलाड़ी हो, शेयर कब खरीदना और बेचना है यह भी आपको पता है, बाजार की गति को आप अच्छी तरह से जानते होंगे लेकिन क्या आप खुद को जानते हैं?
अच्छे Experince शेयर व्यापारी भी कभी-कभी अपनी नकारात्मक और गलत सोच के कारण गलत तरीकों से ट्रेडिंग करते हैं. गलत सायकोलोजी के कारण अच्छी नॉलेज होने पर भी वो अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक सफल नहीं कर पाते. अति आत्मविश्वास के कारण वो शेयर बाजार में भारी नुकसान करते हैं. इस किताब में आपको ट्रेडिंग बिहेवियर, सही मानसिकता, अनुशासन और सही आत्मविश्वास के साथ ट्रेडिंग कैसे करनी है ये सिखनेको मिलेगा . ट्रेडर ने हर दिन इस किताब की तीन पन्ने अवश्य पढ़नी चाहिए.
जो लोग शेयर ट्रेडिंग को एक बिजनेस की तरह देखते हैं उनको यह किताब हेल्पफुल साबित होगी.शेयर ट्रेडिंग करना यह हमारे सायकोलोजी पर निगडीत है.
1) सफलता का मार्ग
2) ट्रेडिंग बिजनेस के लालच और खतरे
3 )जिम्मेदारी का स्वीकार
4) मन की संपन्नस्थिति – सुसंगतता
5) धारणा में गतिशीलता
6) शेयर बाजार का दृष्टिकोण
7 )ट्रेडिंग का दूसरा पक्ष
8) अपने रूचियो के साथ काम करना
9)विश्वास की प्रकृति
10) ट्रेडिंग पर आप के विश्वास का प्रभाव
11) ट्रेडर की विचारधारा
परिचय (थॉम हॉर्ले)
1 जो लोग शेयर ट्रेडिंग को एक बिजनेस के रूप में देखते हैं उनके लिए यह किताब संपत्ति है.
2 एक बार आप शेयर ट्रेडिंग की स्ट्रेटजी को विकसित कर लेते हैं और उस स्ट्रेटजी के नियम का पालन करते हैं तो कोई भी आपको व्यवसायिक मुनाफा कमाने से नहीं रोक सकता.
3 95 प्रतिशत ट्रेडर्स स्टॉक ट्रेडिंग में पहले वर्ष के भीतर अपना सारा पैसा गवा देते हैं.
4 जो लोग अन्य बिजनेस में सफल होते हैं वह शेयर बाजार में असफल क्यों होते हैं?
5 शेयर ट्रेडिंग की अवधारणा हमारी मानसिकता से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है.
6 शेयर ट्रेडिंग एक सरल प्रतीत होने वाली अवधारणा हमारी सायकोलोजी के कारण अधिक जटिल हो जाती है.
7 आपने जो शैक्षणिक ज्ञान और ट्रेडिंग कौशल्य सीखे है वह शेयर ट्रेडिंग में ज्यादा काम नहीं आते.
8 ट्रेडिंग इन इन द झोन में मार्क डग्लस सिखाते हैं कि इन कौशल्य में महारत कैसे हासिल करनी है और ट्रेडिंग साइकोलॉजी कैसे विकसित करनी है.
अध्याय- 1
सफलता का मार्ग
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में बताते हैं कि शेयर बाजार में ट्रेडर हर एक चीज का विश्लेषण करते हैं उसमें फंडामेंटल एनालिसिस को बड़ा महत्व दिया जाता है. फंडामेंटल के बाद ट्रेडर शेयर की चाल समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का विश्लेषण करते हैं .जब तक शेयर बाजार चलता रहेगा तब तक टेक्निकल एनालिसिस चलता रहेगा. इससे बाजार में आगे क्या होने वाला है इसका अंदाज लगाया जाता है.
फंडामेंटल,टेक्निकल एनालिसिस होने के बावजूद हर एक ट्रेडर्स को मेन्टल एनालिसिस की जरूरत पड़ती है. मार्केट में जो हो रहा है और जो ट्रेडर्स समझ रहे हैं इसमें अंतर हो सकता है.ट्रेडर ने जो मुनाफा कमाया है उसके लिए वह हमेशा दुखी रहता है क्योंकि मार्केट की तेज और मंदी के सिवाय वो और कुछ देखता नहीं.
शेयर मार्केट में एक ग्रुप ऐसा है जो हमेशा पैसा कमाता है और एक ग्रुप ऐसा है जो हमेशा हमेशा पैसा गवाता जाता है. ऐसा क्यों होता है ? क्या यह ग्रुप अधिक बुद्धिमान है? वो ज्यादा मेहनत करते हैं? नहीं -जो ग्रुप हमेशा पैसा कमाता है वह मेन्टल एनालिसिस पर काम करता है .एक ट्रेड में कितना पैसा कमाना है, रिस्क कितनी लेनी है ,मार्केट की चाल क्या है यह सब जो ग्रुप हमेशा पैसा कमाता है उनको मालूम रहता है .वह अंधविश्वास में ट्रेड नहीं करते, वो रिस्क मैनेजमेंट करके ट्रेड लेते है.
वो एक अलग सोच रखते है .परिस्तिति कैसी भी हो वे एकाग्र, शिस्तबद्ध और आत्मविश्वास पूर्ण रहते है. ट्रेडिंग करना आसान काम नहीं है. डॉक्टर, वकील,साईंटिस्ट,अभियंते, अधिकारी, रिटायर व्यक्ति यह सब मार्किट में पैसा गवा रहे है क्योंकि उनके पास ट्रेडिंग सायकोलोजी अभी भी विकसित नहीं हुई है .
ट्रेडिंग करना मीन्स रिस्क लेना है .रिस्क लेना नहीं तो रिस्क का जल्दी स्वीकार करना है. जब आप रिस्क का स्वीकार करेंगे तभी आप मार्केट में सफल हो जाओगे.
हम रिस्क लेने से घबराते हैं या भीड़ में भाषण देने को ज्यादा घबराते है .
रिस्क लेना एक व्यापारी कौशल है.इस कौशल से मार्केट का डर खत्म हो जाता है .मार्केट में जो हो रहा है उसका सामना आप नहीं कर सकते मगर ट्रेडिंग कौशल्य से उसके आगे जा सकते है.
हर ट्रेड में हमें कितना पैसा गवाना है,यह हमें तय करना होगा. बाजार में नफा और नुकसान दोनों होता रहेगा एक चीज हमेशा नहीं चलेगी. इसे हमें मान्य करना होगा इसी को ट्रेडिंग साइकोलॉजी कहते हैं.
अध्याय 2
ट्रेडिंग बिजनेस के लालच और खतरे:
लेखक मार्क डग्लस:इस चैप्टर में बताते हैं कि लोग गलत कारणों से शेयर बाजार में आते हैं. हम सब को आजादी अच्छी लगती है.सबको हीरो बनना है. सबको अपने-अपने रूल अच्छे लगते हैं. ट्रेडर बन जाने के बाद ज्यादा रूल फॉलो करने की जरूरत नहीं होती. जब एक ट्रेड लिया जाता है तो उसमें अगणित पॉसिबिलिटीज होती है, फिर भी ट्रेडर अपने पैसे गवाते हैं .उसमें उनका मानसिक संसाधन पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुए हैं.
यदि कोई ट्रेड हमारे दिमाग के खिलाफ होता है तो मानसिक संतुलन साधना कठिन हो जाता है मगर विपरीत परिस्थिति होने पर भी मानसिक संतुलन बनाए रखना एक अच्छे ट्रेडर की पहचान है. लेखक ने कहा है कि बाजार अगणित मौके हर वक्त स्थापित करता रहता है उनका सिर्फ लाभ उठाना है.
एक छोटे बच्चे जैसा जो अपने हर काम में आनंद लेना जानता है ना कि तनाव में रहना. चाहे कुछ भी हो जाए बच्चा हर एक चीज में उत्सुक रहता है.
ट्रेडिंग में कुछ भी हो सकता है उसमें मानसिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता है. नुकसान को रोकने के लिए हमें अनुशासन की जरूरत है .बाजार मानसिक संरचना प्रदान नहीं करता.
ऐसा कोई नियम नहीं है कि कीमत पिछले दिन की ओपनिंग के समान होनी चाहिए. यदि आप लाठी खेलने का निर्णय लेते हैं तो सबसे पहले यह तय करना होगा कि कितनी जोखिम या दाव में लगा रहा हूं.
ट्रेडर को ट्रेडिंग के पहले अपनी जोखिम पता होनी चाहिए. बाजार आपको ट्रेडिंग से बाहर नहीं करेगा जब तक आपके पास ट्रेडिंग के लिए सही साइकोलॉजि नहीं होगी. आप जो भी कुछ करेंगे उसके ऊपर आपका नियंत्रण होना चाहिए.
ट्रेडिंग में क्या समस्या होती है?
1 ट्रेडिंग में कोई भी नियम नहीं बनाना क्योंकि हर एक चीज और खेल का नियम होता है.
2 जिम्मेदारी लेने में असमर्थता
-ट्रेडिंग के जो भी परिणाम आए उसकी जिम्मेदारी खुद लेना न की बाजार को दोष देना.
3 ट्रेडिंग के पुरस्कार की लत.
– ट्रेडिंग में ट्रेडिंग करने की लत नहीं लगनी चाहिए, ओवरट्रेडिंग करने से बचना चाहिए.
अध्याय -3
जिम्मेदारी का स्वीकार:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में बताते हैं कि ट्रेडिंग करना एक जिम्मेदारी का काम है और उस जिम्मेदारी का स्वीकार करना यह भी एक जिम्मेदारी है. ट्रेडिंग में जिम्मेदारी का स्वीकार करना इतना आसान नहीं, जिम्मेदारी का मतलब जैसे एक मां को अपने बीमार बच्चे की देखभाल करने जैसा है.
हर एक ट्रेडर को यह समझना होगा कि अपनी हर एक सफलता के लिए आप कितने जिम्मेदार है और कितने नहीं. यह विचारधारा आपको सफल ट्रेडर की श्रेणी में ले जाएगी.
ट्रेडिंग एक कला है. वह कला आपको जिम्मेदारी लेकर सीखनी होगी.
ट्रेडिंग का डर जब खत्म हो जाता है तो गलतियां कम हो जाती है. ट्रेडिंग में एक सफल व्यापारी की तरह सोचना होगा. कई नई चीजें सीखनी होगी. हम लापरवाही और डर से जो गलतियां करते हैं उसे रोकना होगा.
अनावश्यक आशाओं को छोड़कर ट्रेडिंग करना होगा. एक अच्छे ट्रेडर निरंतर जीत से आने वाले उत्साह, अति आत्मविश्वास के नकारात्मक प्रभाव का विरोध करने के लिए मानसिकता विकसित करते हैं.
ट्रेडिंग पैसा कमाने का अच्छा साधन है मगर सवाल यह है कि ट्रेडिंग में नुकसान होने पर आप कैसा महसूस करते हैं .आपके पास कौशल्या कम हो तो चलेगा मात्र एक विजयी भावना हमेशा होनी चाहिए.
कभी-कभी डर के कारण अच्छे ट्रेड हाथ से निकल जाते हैं और अति लालच के कारण खराब ट्रेड गले में पड़ जाते हैं. नए ट्रेडर के साथ यही होता है .
जब कोई ट्रेडर जीत रहा होता है तो गलती करके और ओवर ट्रेडिंग करके, नियमों का उल्लंघन करके या आमतौर पर ऐसा महसूस करने का धोखा उत्पन्न होता है और अपना पैसा गवा देता है .
10% ट्रेडर हमेशा जीते हैं. 30 से 40% ट्रेडर हमेशा नुकसान उठाते हैं .वह बाजार के हमेशा विरुद्ध खड़े होते हैं.बाकी 40 से 50% ट्रेडर पैसे कमाते हैं मगर वो पैसा कायम कैसे रखना है यह कौशल्य उनके पास नहीं होता . कुछ ट्रेडर लगातार पैसा कमाते हैं मगर बहुत बड़ा लॉस भी उठाते हैं.
आप तभी जीतोगे जब आत्मविश्वास और धैर्य के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाएंगे. बाजार को ट्रेडर की गलती से कुछ लेना-देना नहीं बाजार हमेशा अपनी गति से आगे बढ़ता है. वह गति ट्रेडर को आत्मसात करनी होगी. यदि आप अपने परिणामों के लिए खुद जिम्मेदार नहीं है तो आप कुछ नया सीख नहीं सकते.
आप न बढ़ोगे और नहीं बदलोगे. जब हम हारते हैं तो दोष बाजार को देते हैं. हम अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं .बाजार हमेशा कुछ नहीं करता .बाजार हमें हर वक्त मौका देता है मगर इस मौके का फायदा ट्रेडर्स नहीं उठाते.
जीत का नजरिया विकसित करना ही ट्रेडर्स की सफलता की कुंजी है. हर ट्रेडर अपने हारऔर जीत के लिए खुद जिम्मेदार होता है ना कि शेयर बाजार.
लेखक इस अध्याय के अंत में कहते हैं कि बाजार से लड़ना नहीं है बाजार से लड़ना मतलब खुद से लड़ना जैसा है. ट्रेडर की सफलता का पहला कदम जिम्मेदारी लेना है. अपने कार्यों की उत्तरदायित्व स्वीकार करना है.
अध्याय 4
मन कि संपन्नस्थिति- सुसंगतता :
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में बताते हैं कि सुसंगतता मन की एक अवस्था है जो बुनियादी व्यापारिक रणनीति पर आधारित है, जो ट्रेडिंग के लिए अनिवार्य है .
जब कोई दूसरा ट्रेडर ट्रेडिंग के लिए आपको पैसा देता है और आप खुद के पैसों से ट्रेडिंग करते हैं तो दोनों ट्रेडिंग करने के तरीके में फरक होता है. ट्रेडिंग एक विचारधारा है और वह एक कला भी है. जब आप ट्रेडिंग को कला के रूप में देखोगे तभी आप ट्रेडिंग का आनंद ले पाओगे .
आपको ट्रेडिंग के लिए मानसिक स्तिरता विकसित करनी है .ट्रेडिंग में लगातार जीत नहीं सकते.
ट्रेडिंग करना हर वक्त संघर्षमय हो सकता है ऐसा आपके दिमाग को लग सकता है. बाजार जो जानकारी हमें देता है उसका हम स्वीकर नहीं करते. गलत निर्णय और गलत धारणा से आप नुकसान के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं. ट्रेडर अपने अंदर के प्रतिरोध, संघर्ष और भय के खिलाफ लड़ रहा है ना कि बाजार के खिलाप .
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ट्रेडिंग में जोखिम लेना या जोखिम का स्वीकार करना यह लेखक पहले बता चुके हैं.
यदि आप ट्रेडिंग के परिणामों से डरते हैं तो आपको कोई लाभ नहीं होगा. आपका डर आपकी धारणा और आपकी ट्रेडिंग को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी .बाजार जो भी करने जा रहा है उसके लिए हमेशा तैयार रहना है. अपने मन की स्थिति को बेहतर करना है. आपका आंतरिक संघर्ष समाप्त हो जाता है तो ट्रेडिंग करना आसान हो जाता है. आपको डर के बिना ट्रेडिंग के जोखिम का स्वीकार करना है.
जब खतरा महसूस होता है तो ट्रेडर्स नर्वस और डरे हुए महसूस करते हैं तब वो गलत साबित होते है तब आपको अपेक्षित लाभ नहीं मिलेगा.
ट्रेडर को लापरवाही से ट्रेडिंग नहीं करनी है अपनी जिम्मेदारी और जोखिम के प्रति उचित दृष्टिकोण रखना है. ट्रेडर को हर ट्रेड में समझ लेना है कि एक ट्रेड में कितनी जोखिम लेनी है. नई विचारधारा से ट्रेडिंग करनी है.
बाजार से ट्रेडर जो चाहे वो प्राप्त कर सकते हैं उसके लिए मन को स्थिर स्तिथि में रखना होगा. आपको आपके धारणा में सुधार लाना होगा.
अध्याय 5
धारणा में गतिशीलता:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में हमें बताते हैं कि इस किताब का मुख्य उद्देश्य आपको शेयर बाजार के गलत धारणाओं और अनावश्यक आशँकावो से दूर करना है. बाजार ऐसा कोई डेटा निर्माण नहीं करता जो ट्रेड के लिए अनावश्यक या उपयोगी हो.
ट्रेडिंग के सफर में आपसी समझ और दृष्टिकोण सफलता और असफलता के लिए जिम्मेदार है. ट्रेडिंग में अवसरों का लाभ उठाने के लिए मानसिक क्षमता पर काम करना जरूरी है.
सफल ट्रेडर को बाजार से डर नहीं लगता. उनके लिए ट्रेडिंग में कोई खतरा मौजूद नहीं होता. एक ट्रेडर के मानसिकता के साथ बाजार में प्रवेश करना यही एक ट्रेडर्स का उद्देश्य होना चाहिए.हर ट्रेडर्स को शेयर बाजार में सफल होने के लिए मन में से हानिकारक बग्स को निकालना होगा. सरल और सहज मानसिकता बदलाव से ट्रेडिंग में बहुत सफलता हासिल करनी होगी.
ट्रेडिंग के लिए हर वक्त मौके की तलाश करनी चाहिए. दिमाग के अनॅलिसिस से बाहर आकर मेंटल एनालिसिस पर फोकस करना चाहिए.
ट्रेडर का दृष्टिकोण हर एक चार्ट पर अलग-अलग होना चाहिए. चार्ट एक ही है मगर आपका दृष्टिकोण ही उसे बदल देता है . चार्ट पर छिपे हुए अवसर को समझने के लिए ट्रेडर को अपने विचार और नजरिया को बदलना जरूरी है. कई बार ट्रेडर चार्ट को वो जैसा चाहते हैं वैसा देखते है. इसी मानसिकता के कारण रिजल्ट नहीं मिल रहे .
हम पिछले अनुभव के जरिए विश्लेषण करते हैं मगर शेयर बाजार हर दिन नया होता है. अच्छा ट्रेडर्स भूत और भविष्य से हटकर निर्णय लेता है और सिर्फ वर्तमान के डाटा पर लक्ष्य केंद्रित करता है. अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना सीखने के लिए ट्रेडर को खतरे को जानना और समझना आवश्यक नहीं है .बाजार की स्थिति को देखकर डर लगता है तो ट्रेडर क्या करता है?
लेखक इसके लिए या कुछ सवाल पूछते हैं
बाजार जो जानकारी अभी दे रहा है वो जानकारी क्या खतरनाक है?
क्या यह आपकी मन स्थिति का प्रभाव नहीं है ?
आपके पिछले दो या तीन ट्रेड गलत जाते हैं तो और कुछ अच्छे मौके आपके सामने है तो उस मौके का फायदा उठाना आपको रिस्की लगता है?
यह भी ट्रेड गलत जा सकता है ऐसी धारणा क्या आप बना लेते हो और उस धारणा से एक अच्छे ट्रेड का मौका आप गवा देते है?
लेखक ट्रेडिंग इन द झोन के इस अध्याय के अंत में बताते हैं कि ट्रेडर सफल नहीं हो पा रहे क्योंकि वह अयोग्य विचारों की सोच रख रहे हैं.
अध्याय 6
बाजार का रवैया:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में बाजार के रवैये के बारे में हमें जानकारी देते हैं .वो कहते है कि किसी भी ट्रेडर की रिस्क लेने की कैपेसिटी उस के सबसे करीब के 2 या 3 ट्रेडो के परिणाम पर निर्भर करती है. इसके विपरीत एक सक्सेसफुल ट्रेडर उनके पिछले ट्रेड से प्रभावित नहीं होते. चाहे वह गलत हो या सही.
सक्सेसफुल ट्रेडर्स में कुछ अलग गुण नहीं होते उनके पास सिर्फ ट्रेडिंग साइकोलॉजी होती है. सक्सेसफुल ट्रेडर बिना किसी डर और ओवरकॉन्फिडेंस में न आकर ट्रेड करते हैं.
बाजार उन्हें ट्रेड के लिए क्या इनविटेशन दे रहा है इसको समझ लेते हैं. वह वर्तमान के अवसरों पर ध्यान देते हैं. ट्रेडिंग इन द झोन में रहते हैं.
वो तात्कालिक लाभ और हानि की परवाह नहीं करते. चाहे कुछ भी हो जाए वह संदेह या आंतरिक संघर्ष की परवाह किए बिना अपना काम जारी रखते है.
वो बाजार में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए खुद को तैयार रखते हैं. अवसर को हम पहचान नहीं सकते मात्र अवसरों को पहचानने की दृष्टि विकसित कर सकते हैं.
वारेन बफे कहते है की वो बिज़नेस में आने वाले प्रश्न सॉल्व करने नहीं सीखे तो वह प्रश्न टालने को सीखें है. इसके लिए बुद्धिमान होने की जरूरत नहीं.
चार्ली मुंगेर करते हैं कि बुद्धिमान होने से अच्छा है कि पागल ना होने का प्रयास करना इससे दूरगामी फायदा बहुत होता है.
ट्रेडिंग करने के लिए खास कौशल की जरूरत होती तो उसके लिए अच्छी धारणा होनी चाहिए. ट्रेडिंग के लिए समय और स्थल इनका बंधन नहीं होता. बाजार में कभी भी कुछ भी हो सकता है.
बाजार में प्रॉफिट कमाने दो ही रास्ते हैं
1 या तो कम खरीदो उच्च बेचो.
2 उच्च बेचो और कम खरीदो.
ट्रेडिंग कि 3 गलतियां
1 रिस्क को डिफाइन न करना
2 खुद के नुकसान को कम ना करना
3 सही वक्त पर प्रॉफिट बुक ना करना
बाजार में कुछ भी हो सकता है. शेयर की कीमत दो शक्तियों बदलती है एक जो मंदी कर रहे हैं और दूसरे जो तेजी कर रहे है.
कीमत पर जो छुपी शक्तियां प्रभाव डालती है उनको ढूंढना होगा.
लेखक इस अध्याय के अंत में कहते हैं कि अगर हम अपने मन में यह विश्वास स्थापित कर ले कि इस दुनिया में कुछ भी हो सकता है तो यह हमारे दिमाग को संभावना के बारे में सोचने पर मजबूर कर देगा .
अपना ट्रेडिंग का व्यापार हमेशा ट्रेडिंग इन द झोन मे होगा
अध्याय 7
ट्रेडिंग का दूसरा पक्ष:
संभावित तरीके को ध्यान में रखते हुए
जुआ एक ऐसा गेम है जिसमें अगणित संभावनाएं है. लेकिन जुआ और व्यापार इनके बीच एक बुनियादी अंतर है. जुए के अड्डे की तरह बाजार भी हमको अनायास ही सूचनाएं उपलब्ध करा देता है. दोनों का अंतिम लक्ष्य अपना पैसा अपने साथ ले जाना है मगर ऐसे करते वक्त दोनों हमें पैसा कमाने का अवसर प्रदान करते हैं. ये व्यापर का दूसरा पक्ष है. आपकी निरंतर सफलता आपकी सही धारणा पर निर्भर करती है. ज्ञान, समझ, दृष्टिकोण से परिणाम हासिल किए जाते हैं.
जुए की तरह ट्रेडिंग में हम योग्य भविष्यवाणी नहीं कर सकते. इसमें योग्य पैटर्न हमको मालूम होना चाहिए. खेल कोई भी हो हमें उस खेल में अध्ययन करना चाहिए. अध्ययन एक ही चीज का करना है कि आगे क्या हो सकता है?
हमें आगे की संभावनाओं को सही चुनना है मगर संभावनाओं को चुनना दो कारणों से कठिन बन जाता है.
1 जो दृश्य प्रभाव हम देखते हैं उसमें अनिश्चितता और संभवत स्तर पर बहुत सूक्ष्म होते हैं
2 जो परिणाम मिलने वाले हैं उसमें हमारा विश्वास समग्र होता है
अच्छे ट्रेडिंग के परिणाम के लिए सभी इंडिकेटर को देखके उसमें सूक्ष्म संभावना को पहचानके के और रिस्क को मैनेज करके ट्रेड लेना चाहिए.
बाजार में अच्छे ट्रेड के लिए परफेक्ट टाइमिंग को पहचानने की कला होनी चाहिए जिसमें हमें मुनाफा हो.
सभी इंडिकेटर के संकेत हमेशा सही हो या ना हो ट्रेडिंग की मानसिकता हर वक्त सही होनी चाहिए. मानसिकता हर ट्रेड में बदलनी नहीं चाहिए. विश्वास, आकलन और जिम्मेदारी पर निर्भर होकर ट्रेडिंग का निर्णय लेना चाहिए.
बाजार में कभी भी कुछ भी हो सकता है इसीलिए योग्य टारगेट लेकर चलना, रिस्क मैनेज करना, ट्रेड में टाइमिंग करना, सूक्ष्म घटक को जानन अनिवार्य है. यदि कोई इंडिकेटर बाजार में काम नहीं करता है तो, दो मानसिक इंडिकेटर हमेश काम को लगाने होंगे कि लालच में ज्यादा ट्रेड न करना और डर के कारण अच्छे ट्रेड से वंचित ना रहना.
सर्वोत्तम ट्रेडर भूत और भविष्य को भूलकर वर्तमान में जीता है. ट्रेडिंग में रिस्क जाने में विश्वास रखता है ना कि कितना प्रॉफिट होगा. ट्रेडिंग में पैसों के सिवाय कुछ भी दाव में नहीं होता इसलिए लेखक कहते हैं कि बाजार जो हमको देता है उसे पूरे तरीको से स्वीकार लेना होगा और आगे की रास्ते की तरफ बढ़ना होगा. भूत के गलत ट्रेड का विचार करके वर्तमान के अच्छे ट्रेड को चूकना नहीं है सिर्फ सूक्ष्म घटक और परिणाम इसका विचार अच्छे तरीकों से करना है. डर को दूर भगाना है
अध्याय 8
अपने रुचियो के साथ काम करना:
इस अध्याय में लेखक मार्क डग्लसअपनी रुचियां, उनका स्वभाव, गुणधर्म और रुचियोका वैशिष्ट इनके बारे में प्रकाश डालते है . लेखक कहते हैं कि टेक्निकल एनालिसिस की मद्त से ट्रेडर को कीमत का उतार-चढ़ाव पता लगता है. बाजार में प्रत्येक क्षण प्रत्येक ट्रेडर को अपनी योग्यता के आधार पर कुछ करने का अवसर हमेशा देता है.
ट्रेडर को वर्तमान क्षण में लक्ष्य केंद्रित कर खुद को याद दिलाना चाहिए कि प्रत्येक क्षण में हमेशा अवसर मिल रहे हैं. हमें हमारा डर हमे एक्शन लेने से रोकता है. हमें डर क्यों लगता है क्योंकि हम बाजार को केवल गणितीय दृष्टि से देखते हैं. हमारे गलत धारणाओं के कारण हम गलती करके अवसर के प्रभाव से बाहर निकलते हैं. हम बाजार के वास्तविकता को अनदेखा कर देते हैं. बाजार में हर एक क्षण अद्वितीय होता है .हमें सब मालूम है यह वृति ट्रेडर के लिए घातक है.
बाजार में कुछ भी घटना हो सकती है उस घटना के लिए मन को तैयार करना होगा. हमें जो पता है उस तरीके से हर घटना को नहीं देखना है. हमेशा वर्तमान में जीना है. ट्रेडर को बाजार के वास्तविकता का स्वीकार करना होगा.
बाजार के पांच बुनियादी सत्य और कौशल्य क्या है?
1 बाजार में हर समय अज्ञात शक्तियां काम करती है इसलिए बाजार की स्थितियां बदलाव के अधीन है
2 बाजार में पैसा बनाने के लिए हर समय आगे क्या होने वाला है यह जानने की जरूरत नहीं है
– लाभ और हानि यह ट्रेडो का क्रम है .अगले 20 ट्रेड में से 12 ट्रेड विजेता होंगे और 8 ट्रेड पराजित होंगे. कब कौन सा क्रम आएगा यह पता होने की आवश्यकता नहीं. अपनी क्षमता के साथ आगे बढ़ना होगा.
3 ट्रेडिंग के परिणामों को परिभाषित करने वाले घटक निश्चित रूप से विभाजित होते हैं.
4 ट्रेडर की सफलता ट्रेडर के भीतर एक ऐसी चीज है जो किसी अन्य की तुलना में संभावित परिणाम के करीब होती है.
5 बाजार का हर क्षण अद्वितीय होता है.
ट्रेडर को बाजार की सायकोलोजी को पूरी तरह समझ लेना होगा. ट्रेडर हर ट्रेड में जोखिमों का स्वीकार करता है तो अपने डर के खिलाफ लड़ सकता है. एक ऊर्जा इससे उत्पन्न होगी जो वर्तमान समय में अवसर के प्रभाव में अवसरों को पहचानने की अनुमति देगी.
आसानी से ट्रेडिंग के झोन में सर्वोत्तम स्थिति में प्रवेश कर जाए.
अध्याय 9
विश्वास की प्रकृति:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में कहते हैं कि बाजार में नई रुचि उत्पन्न करने के लिए आपको बाजार की गतिशीलता के अनुकूल होना होगा. व्याकुलता या आंतरिक संघर्ष के बिना आपको ट्रेडिंग करनी होगी.
इस अध्याय में लेखक विश्वास के क्षेत्र के बारे में बताते हैं. हमारा मन वर्तमान क्षण में जीने के लिए तैयार नहीं रहता. हम वर्तमान के क्षणों में विश्वास नहीं करेंगे तो हम अतीत और भविष्य को ट्रेडिंग में मिलाएंगे. हमारी ऊर्जा हमे वर्तमान में केंद्रित करनी होगी. पुराने अतीत के विश्वास से वर्तमान में ट्रेडिंग करना मुश्किल भरा होता है .
विश्वासों की उत्पत्ति हमें अपने विश्वासों के प्रकृति के बारे में जानने में उपयोगी होगी. हम इस ज्ञान से नई सायकोलॉजी विकसित करके सफल ट्रेडर बनने की हमारी इच्छा को बढ़ाएंगे. लेखक आगे विश्वास के दो कारकों की समीक्षा करते हैं. हमें अपने मन की गहराइयों में जाकर विश्वास को बढ़ाना है.
हम विश्वास को अपने कार्यों के माध्यम और शब्दों से व्यक्त करते हैं. हमारी रुचियां प्रेरणा की तरह काम करती है. श्रद्धा जीवन को आकर देती है. लेखक इसको पूरे विश्लेषण से यहा श्रद्धा के बारे में बताते है.
लेखक आगे बताते हैं कि ट्रेडिंग में हमें दिलचस्पी होनी चाहिए. आपको ट्रेडिंग में अपने स्थान की समीक्षा करनी होगी. बाजार में ट्रेडिंग करने में आपकी रूचि वास्तविक और निरंतर है तो आप परिणाम देखेंगे.
लेखक इस अध्याय के अंत में ट्रेडिंग के लिए कुछ सवाल पूछते हैं
1 क्या आपके पास ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त ऊर्जा, क्षमता, गुंजाइश और समय है?
2 क्या आप अपनी ट्रेडिंग आगे बढ़ाने के लिए तैयार है?
3 अगर ट्रेडर के पास सही विश्वास, जूनून, प्यार, निवेश करने की क्षमता नहीं है तो ट्रेडर सफल कैसे होंगे?
4 हमको जीवन में शारीरिक व्यवस्था और एक अलग तरह की आदेश की जरूरत है हमें खुद को जानकार ही ट्रेडिंग करनी होगी.
अध्याय 10
ट्रेडिंग पर आपके विश्वास का प्रभाव:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में अपने विश्वास का ट्रेडिंग पर जो प्रभाव पड़ता है उसके बारे में बताते हैं. अपने बारे में जानने के लिए सबसे पहले अपने विश्वास की जांच करनी होगी. हमें अपना हित देखना चाहिए. हमारी रुचियां हमारे विचारों को मार्गदर्शन करती है. ट्रेडिंग करते समय अति आत्मविश्वास और अति उत्साही होना ट्रेडिंग के लिए घातक है. आपके विचार संतुलित होने चाहिए और इस वर्तमान टाइम से संबंधित होने चाहिए अन्यथा ट्रेडिंग में भारी नुकसान हो सकता है. विश्वास हमारे जीवन को कवर करते हैं. हमारे मानसिक वातावरण में विश्वास शुद्ध रूप से कार्य करता है.
हमारे अनुभव हमारे अवचेतन मन से जीवित होते हैं और उसी से हमारे विश्वास धीरे-धीरे जन्म लेते है .
जो हमें याद नहीं रहता वह भी जीवन को प्रभावित करता है.
लेखक मार्क डग्लस आगे कहते हैं कि हमें अपना स्व -मूल्यांकन करना होगा क्योंकि यह ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण है. ट्रेडिंग धन संग्रह करने के बहुत अवसर प्रदान करती है. नकारात्मक और सकारात्मक विचारों को पहचान कर निर्णय लेना आसान हो जाता है. समाज का मानना है कि कुछ तरीकों से पैसा कमाना गलत है. आप अपनी अंतरात्मा के प्रति जागरूक होगे तो यह भावना आपको तंग नहीं करेंगी. हमारा विश्वास हमको हमारे व्यापार में आगे लेकर जाता है.
विश्वास ऐसा ऊर्जा बल है जो किसी भी बल का विरोध कर सकता है. हम अपनी जरूरत के हिसाब से खुद में बदलाव ला सकते हैं.
अध्याय 11
ट्रेडर की विचारधारा:
लेखक मार्क डग्लस इस अध्याय में ट्रेडर के विचारधारा के बारे में बताते हैं. ट्रेडिंग शायद सबसे कठिन काम है, जिसमें ट्रेडर्स लगातार सफल होने का प्रयास करते है.ट्रेडिंग मुश्किल है ,क्योंकि ट्रेड लेने के बाद आगे क्या होगा यह हमें पता नहीं.
लेखक ट्रेडिंग को अच्छी तरह से विकसित करने के लिए तीन चरण बताते हैं
1 यांत्रिकी चरण
2 व्यक्ति निष्ठा चरण
3 सहज अवस्था
1 यांत्रिक चरण में हमें एक असीम वातावरण में काम करने के लिए आत्मविश्वास निर्माण करना होगा. समझौता किए बिना ट्रेडिंग करना सीखे. आगे की संभाव्यता को ढूंढने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करें .अपने ट्रेडिंग स्थिरता में विश्वास बनाए
2 व्यक्ति निष्ठा चरण में अपनी गलतियों को सुधारने के लिए स्व मूल्यांकन करना है अपनी संवेदनशीलता की चार्ज करनी है
3 सहज अवस्था
इस चरण में ट्रेडर को अपने अंतर्ज्ञान के साथ व्यापार करना सीखना होगा यह मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट पाने जैसा है.
इन तीन चरणों में आप ट्रेडिंग प्रणाली में कौशल्य प्राप्त कर सकते हैं ऐसा लेखक कहते हैं.
हर एक ड्रेड में बाहर निकलने से पहले अपने टारगेट आने में कितना समय लगेगा यह ना सोचे. अच्छी टाइमिंग के साथ ट्रेड में प्रवेश करें ,स्टॉपलॉस लगाएं और जो भी मुनाफा हमें दिख रहा है उसे बांध ले, यह एक अनिश्चित व्यापार है. और अनिश्चित व्यापार कसीनो में होता है. जोखिम का गुणोत्तर 3 :1 रखे.जोखिम का बिना डर के साथ स्वीकार करें. एक ट्रेडर के पैशन को विकसित करें.
हमेशा ट्रेडिंग इन द झोन में ट्रेडिंग करें.
तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल में लेखक मार्क डग्लस लिखित बुक ट्रेडिंग इन द झोन की समरी देखी.
हमने ट्रेडिंग साइकोलॉजी, ट्रेडर की विचारधारा, विश्वास का ट्रेडिंग पर होने वाला प्रभाव, विश्वास की प्रवृत्ति के बारे में जानकारी हासिल की. एक ट्रेडर बनने के लिए आपको क्या करना होगा इसके लिए यह किताब आपको हमेशा मद्त करेगी.
हम नुकसान में क्यों जाते हैं और इसका हमारे आदत के साथ उस आदत पर नियंत्रण कैसे करना है कि आपको पढ़ने को मिलेगा.
यह किताब आप अवश्य पढे आपकी ट्रेडिंग करने के सफर में आपको यह बुक बहुत उपयोगी साबित होगी यह. बुक समरी आपको कैसी लगी कमेंट में अवश्य करें
धन्यवाद.
ट्रेडिंग सायकोलोजी में महरात हासिल करे
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